जी-20 बैठक में बोले एस. जयशंकर, आतंकवाद के लिए ना हो अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल
जयशंकर ने कहा किसी भी तरह से आतंकवाद के लिए अफगान धरती के उपयोग की अनुमति नहीं देने की तालिबान की प्रतिबद्धता को लागू किया जाना चाहिए। दुनिया एक व्यापक-आधारित समावेशी प्रक्रिया की उम्मीद करती है जिसमें अफगान समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व शामिल हो।
न्यूयार्क, पीटीआइ। अफगानिस्तान पर जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद के लिए अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल नहीं होने देने की तालिबान की प्रतिद्धता को लागू किया जाना चाहिए। दुनिया अफगानिस्तान में व्यापक आधार वाली समावेशी सरकार की अपेक्षा करती है, जिसमें अफगान समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व हो।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत की भागीदारी अफगान लोगों के साथ उसकी एतिहासिक दोस्ती से प्रेरित होगी। जयशंकर ने यहां महासभा के 76वें सत्र से इतर बैठक को संबोधित करते हुए ये बातें कही हैं। उन्होंने कहा, किसी भी तरह से आतंकवाद के लिए अफगान धरती के उपयोग की अनुमति नहीं देने की तालिबान की प्रतिबद्धता को लागू किया जाना चाहिए। दुनिया एक व्यापक-आधारित समावेशी प्रक्रिया की उम्मीद करती है जिसमें अफगान समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व शामिल हो।'
उन्होंने कहा कि मानवीय जरूरतों के जवाब में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक साथ आना चाहिए और निर्बाध तरीके से सीधी पहुंच प्रदान की जानी चाहिए।' विदेश मंत्री ने यूएनएससी प्रस्ताव 2593 पर बात करते हुए कहा, यह वैश्विक भावना को दर्शाता है और हमारे दृष्टिकोण का मार्गदर्शन करना जारी रखना चाहिए। भारत की भागीदारी अफगान लोगों के साथ उसकी ऐतिहासिक दोस्ती से प्रेरित होगी।
अफगानिस्तान में महिलाओं के साथ बर्बरता
एबीसी के अनुसार, काबुल में तालिबान शासन का विरोध करने वाली कई महिलाओं के मुताबिक, अब प्रदर्शनों में भाग लेना काफी मुश्किल हो गया है। उन्होंने बताया कि उन्हें मौत की धमकी मिल रही है। तालिबान ने हाल ही में युद्धग्रस्त देश पर अपना कब्जा जमा लिया था। इस दौरान तालिबान ने सार्वजनिक माफी की घोषणा की थी और किसी से भी बदला नहीं लेने की बात कही थी। वहीं, पंजशीर प्रांत में नागरिकों को गोली मारने की भी खबरें हैं। पंजशीर के एक युवक ने बताया, 'उन्होंने मेरे परिवार पर पांच बार हमला किया।' पंजशीर तालिबान के अधीन आने वाला आखिरी प्रांत था। एक अन्य स्थानीय के मुताबिक, तालिबान लोगों को अफगानिस्तान की पिछली सरकार के साथ उनके जुड़ाव के बारे में पूछ रहे हैं। उन्होंने बताया, 'वे हमारे मोबाइल लेते हैं और उनकी जांच करते हैं। अगर उन्हें कोई संदिग्ध तस्वीर मिलती है, तो वे उस व्यक्ति को मार देते हैं।'