कोरोना से छोटे बच्चों की माताओं में बढ़ी नींद न आने की समस्या, जानें- किस चीज की है जरूरत
रिसर्च सेंटर की निदेशक अमांडा स्टायनो ने बताया कि कई ऐसे रास्ते हैं जिनसे माताओं में तनाव घटाया जा सकता है। इनमें समाचारों से कुछ देर के लिए ब्रेक ले लेना और सोने से पहले तनाव मुक्त होना शामिल है।
वाशिंगटन, आइएएनएस। प्रीस्कूलिंग बच्चों की माताओं में कोरोना के चलते तनाव का स्तर बढ़ गया है। इसके अलावा उनमें नींद न आने की समस्या भी बढ़ गई है। विज्ञान पत्रिका वुमन्स हेल्थ में प्रकाशित एक अध्ययन में माताओं को बच्चों की देखभाल का विश्वस्त विकल्प और स्वस्थ कार्यप्रणाली के बीच संतुलन कायम रखने पर बल दिया गया है।
अमेरिका स्थित पेनिंगटन बायोमेडिकल रिसर्च सेंटर में शोधकर्ता चेलसी क्रैच ने बताया, छोटे बच्चों की माताएं वैसे ही जरूरत से काफी कम नींद लेती हैं। इसके अलावा जिन महिलाओं के बच्चे नहीं हैं, उनकी तुलना में उनकी शारीरिक गतिविधियां भी कम होती हैं। इन कमियों की वजह से उनमें मोटापे और स्वास्थ्य गिरने का खतरा होता है। लाकडाउन ने तनाव का स्तर और घरेलू अव्यवस्था बढ़ाकर स्थिति को खराब ही किया है। कोरोना संकट के दौरान जिन महिलाओं के बच्चे आनलाइन क्लास करते थे, उनकी घरेलू अव्यवस्था उन महिलाओं की तुलना में ज्यादा थी, जो टेलीवर्किंग नहीं करती थीं।
ऐसा संभवत: इसलिए था, क्योंकि पहली समूह की माताओं को अपने बच्चों के आनलाइन क्लास की निगरानी करनी होती थी। पिता या अन्य पारिवारिक सदस्य यदि इन महिलाओं की कुछ जिम्मेदारी और घर का कुछ कामकाज अपने ऊपर ले लें तो उनकी जिंदगी में काम का बोझ हल्का हो सकता है। रिसर्च सेंटर की निदेशक अमांडा स्टायनो ने बताया कि कई ऐसे रास्ते हैं, जिनसे माताओं में तनाव घटाया जा सकता है। इनमें समाचारों से कुछ देर के लिए ब्रेक ले लेना और सोने से पहले तनाव मुक्त होना शामिल है। लेकिन सबसे ज्यादा जिस चीज की जरूरत है, वह है-परिवार, कार्यस्थल और समुदाय के लोगों का समर्थन।