दिल की बीमारी व कोलेस्ट्राल के लिए प्लास्टिक भी जिम्मेदार, जानिए और क्या कहता है ये शोध
डीसीएचपी का व्यापक रूप से फ्थालेट प्लास्टिसाइजर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। पर्यावरण संरक्षण एजेंसी ने हाल ही में डीसीएचपी से जुड़े खतरों के मूल्यांकन का प्रस्ताव दिया है। हालांकि इसका मनुष्यों पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में अभी ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है।
वाशिंगटन, एएनआइ। प्लास्टिक को अधिक टिकाऊ बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाला रसायन फ्थालेट प्लाज्मा कोलेस्ट्राल के स्तर को बढ़ा देता है। एनवायरमेंटल हेल्थ पर्सपेक्टिव नामक पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में अमेरिका के यूसीआर स्कूल आफ मेडिसिन में प्रोफेसर चांगचेंग झोउ ने कहा, 'शोध के दौरान हमने पाया कि डाइसाइक्लोहेक्सिल फ्थालेट (डीसीएचपी) प्रिगनैन एक्स रिसेप्टर (पीएक्सआर) के साथ सघनता से जुड़ा होता है। डीसीएचपी पेट में पीएक्सआर बन जाता है और कोलेक्ट्राल के अवशोषण व परिवहन के लिए आवश्यक प्रमुख प्रोटीन को उत्प्रेरित करता है। हमारा अध्ययन बताता है कि डीसीएचपी पेट में मौजूद पीएक्सआर के संकेत के जरिये उच्च कोलेस्ट्राल पैदा करता है।'
डीसीएचपी से जुड़े खतरों के मूल्यांकन का प्रस्ताव
डीसीएचपी का व्यापक रूप से फ्थालेट प्लास्टिसाइजर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। पर्यावरण संरक्षण एजेंसी ने हाल ही में डीसीएचपी से जुड़े खतरों के मूल्यांकन का प्रस्ताव दिया है। हालांकि, इसका मनुष्यों पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में अभी ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है।
दिल की बीमारी संबंधी प्रभावों के बारे में नई समझ पैदा करते हैं इसके परिणाम
झोउ कहते हैं, 'चूहों पर किया गया हमारा अध्ययन पहली बार डीसीएचपी और उच्च कोलेस्ट्राल व दिल की बीमारियों के संबंधों पर प्रकाश डालता है। इसके परिणाम प्लास्टिक से जुड़े रसायनों का उच्च कोलेस्ट्राल या डिस्लिपिडेमिया व दिल की बीमारी संबंधी प्रभावों के बारे में नई समझ पैदा करते हैं।'
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