वैक्सीन लगवाने से दो साल में...पाक में टीके को लेकर अजब-गजब तर्क से परेशान सरकार कर देगी मोबाइल बंद
टीकाकरण को रफ्तार देने को पाकिस्तान के दो प्रांतों में उठाए जा रहे कड़े कदम। वैक्सीन न लगवाने वाले सरकारी अधिकारियों का वेतन रोकने का फरमान। पाक में कोरोना से अब तक 22 हजार से अधिक लोगों की मौत तो दस लाख से ज्यादा लोग संक्रमित पाए जा चुके हैं।
वाशिंगटन, न्यूयार्क टाइम्स। कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए पाकिस्तानी घर से नहीं निकल रहे हैं। टीकाकरण को लेकर लोगों की अनिच्छा ने पाकिस्तानी हुकूमत की चिंताएं बढ़ा दी हैं। इससे निपटने के लिए अधिकारियों ने कई कड़े कदम उठाने का फैसला किया है।
पाकिस्तान के दो प्रांतों सिंध और पंजाब में अधिकारियों ने उन लोगों की मोबाइल सेवाएं बंद करने का फैसला किया है जो वैक्सीन नहीं लगवा रहे हैं। इसके अलावा सिंध में उन सरकारी अधिकारियों का वेतन रोका जा रहा है जो टीका लगवाने से हिचक रहे हैं। दरअसल टीकाकरण को लेकर यहां काफी दुष्प्रचार किया जा रहा है और अफवाहें फैलाई जा रही हैं। उसकी सुरक्षा को लेकर भ्रामक बातें प्रचारित की जा रही हैं। कहा जा रहा है वैक्सीन प्रभावकारी और सुरक्षित नहीं है।
अफवाहों का आलम यह है कि पाकिस्तान में अभिभावक अपने बच्चों को पोलियो का टीका लगवाने तक से बचते हैं। अफवाह फैलाई जाती है कि पोलियो का टीका बच्चों के लिए नुकसानदेह है और यह बच्चों को नपुंसक बनाने की अमेरिका की साजिश है। इन्हीं सब अफवाहों और दुष्प्रचार की वजह से पाकिस्तान में पोलियो टीकाकरण अभियान सफल नहीं रहा और यहां पड़ोसी देश अफगानिस्तान के बाद सबसे ज्यादा पोलियोग्रस्त पाए जा रहे हैं।
अब इसी तरह की बातें कोरोना वैक्सीन को लेकर भी फैलाई जा रही हैं। कहा जा रहा है कि उसके दुष्प्रभाव बहुत खतरनाक हैं। कराची के एक ड्राइवर एहसान अहमद का कहना है कि मैंने लोगों से यह कहते हुए सुना कि जिन्होंने वैक्सीन लगवाई है उनकी दो साल में मौत हो जाएगी। यही वजह है कि लोग वैक्सीन नहीं लगवा रहे हैं। पाकिस्तान में कोरोना से अब तक 22 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और दस लाख से ज्यादा लोग संक्रमित पाए गए हैं।