अफगानिस्तान में रह गए अब सिर्फ 2,500 अमेरिकी सैनिक, ट्रंप ने दिए थेे आदेश

US Troops in Afghanistan अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पिछले साल नवंबर में दिए गए आदेश के तहत अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान में अपने सैनिकों की संख्या कम करके ढाई हजार कर दिया। अब पिछले 19 सालों में सबसे कम अमेरिकी सैनिक यहां हैं।

By Monika MinalEdited By: Publish:Fri, 15 Jan 2021 03:18 PM (IST) Updated:Fri, 15 Jan 2021 03:18 PM (IST)
अफगानिस्तान में रह गए अब सिर्फ 2,500 अमेरिकी सैनिक, ट्रंप ने दिए थेे आदेश
ट्रंप के आदेश पर अफगानिस्तान में कम किए गए सैनिक

वाशिंगटन, एपी।  अफगानिस्तान (Afghanistan) में अमेरिका के अब सिर्फ 2,500 सैनिक रह गए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) ने गत नवंबर में युद्ध प्रभावित इस देश में सैनिकों की संख्या कम करने का आदेश दिया था। अमेरिका की सत्ता छोड़ने में अब गिनती के दिन शेष हैं। 20 जनवरी को नए राष्ट्रपति जो बाइडन आधिकारिक तौर पर शपथ लेंगे।

ट्रंप के इसी आदेश के तहत अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान में अपने सैनिकों की संख्या कम करके ढाई हजार तक करने का लक्ष्य शुक्रवार को हासिल कर लिया। ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी सैनिकों की संख्या 19 वर्ष में सबसे कम हो गई है। गत वर्ष फरवरी में ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी सैनिकों की संख्या चरणबद्ध तरीके से कम करने और वर्ष 2021 तक सैनिकों की पूरी वापसी को लेकर तालिबान के साथ समझौता किया था। हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि भावी बाइडन प्रशासन इस समझौते के संबंध में आगे क्या फैसला लेगा।

नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन अफगानिस्तान में एक छोटा बल तैनात रखने की वकालत कर चुके हैं, ताकि अलकायदा जैसे आतंकी संगठन अमेरिका पर हमले न कर पाएं। ट्रंप ने एक संक्षिप्त बयान में अफगानिस्तान में वर्ष 2001 और इराक में 2003 से जारी युद्ध की ओर इशारा करते हुए कहा, 'मैं हमेशा से अंतहीन युद्ध को खत्म करने को लेकर प्रतिबद्ध रहा हूं।'

अमेरिका बीते कुछ सप्ताह में डेढ़ हजार से ज्यादा सैनिकों को अफगानिस्तान से बुला चुका है। चार साल पहले जब ट्रंप राष्ट्रपति बने थे तो उस समय अफगानिस्तान में 8,500 अमेरिकी सैनिक थे। उन्होंने सैनिकों की संख्या बढ़ाकर करीब 13 हजार कर दी थी। 

पिछले साल 29 फरवरी को अमेरिका और तालिबान के बीच करीब 18 महीनों की बातचीत के बाद एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था। इस समझौते के तहत अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी और इंट्रा-अफगान शांति वार्ता की शुरुआत करने के मुद्दों पर चर्चा की गई थी। इस दौरान ही कतर के दोहा में अमेरिका और तालिबान के बीच शांति समझौते पर सहमति बनी थी।

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