दक्षिण चीन सागर में परमाणु हथियारों से लैस अमेरिकी फाइटर जेट ने उड़ान भरी, तिलमिला उठा ड्रैगन
दक्षिण चीन सागर में परमाणु बम ले जाने में सक्षम अमेरिका के बी-52एच बमवर्षक विमान के साथ 10 अन्य लड़ाकू विमानों और निगरानी विमानों ने रविवार को एक साथ उड़ान भरी।
बीजिंग, एपी। सीमा पर भारत को घेरने में जुटे चीन को पश्चिम देश गंभीर चुनौती दे रहे हैं। दक्षिण चीन सागर में जारी युद्धाभ्यास में अमेरिकी नौसेना जोरदार शक्ति प्रदर्शन कर रही है। इस दौरान अमेरिका के 11 फाइटर जेट ने एक साथ दक्षिण चीन सागर के विवादित इलाके में उड़ान भरी। चीन ने वाशिंगटन पर आरोप लगाया कि वह इस समुद्री क्षेत्र में अपनी सैन्य ताकत दिखा रहा है। अमेरिका ने इस विवादित जल क्षेत्र में चीन की बढ़ती दादागिरी को चुनौती देने के लिए अपने दो विमानवाहक पोत भेजे हैं, जो क्षेत्र में इस समय संयुक्त सैन्य अभ्यास कर रहे हैं। चीन की सेना भी दक्षिण चीन सागर में सैन्य अभ्यास में जुटी है। इस तरह का यह दुर्लभ मामला है, जब एक ही क्षेत्र में और एक ही समय अमेरिका व चीन बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास कर रहे हैं।
अमेरिका दिखा रहा अपनी सैन्य ताकत
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने पत्रकारों से कहा कि अमेरिका ने अपनी सैन्य ताकत दिखाने के लिए दक्षिण चीन सागर में बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास करने के लिए जानबूझकर अपने भारी-भरकम बलों को भेजा है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन का परमाणु हथियार ले जाने वाले बी-52एच बमवर्षक विमान का गुआम में तैनात करना और युद्धाभ्यास करना चीन को अपनी ताकत दिखाना है।
अमेरिकी नौसेना ने सप्ताहांत के दौरान बताया था कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्वतंत्र आवाजाही का समर्थन करने के लिए दक्षिण चीन सागर में विमानवाहक पोत यूएसएस रोनाल्ड रीगन और यूएसएस निमित्ज अपने दूसरे युद्धपोतों के साथ मिलकर अभ्यास कर रहे हैं। इधर, चीन भी दक्षिण चीन सागर के विवादास्पद पार्सल द्वीप समूह के समीप सैन्य अभ्यास कर रहा है। इस द्वीप समूह लेकर चीन और वियतनाम के बीच विवाद है। बीजिंग लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है और क्षेत्र में अमेरिका के किसी भी दखल का विरोध करता है। जबकि चीन के इस दावे का वियतनाम और फिलीपींस समेत कई क्षेत्रीय देश विरोध करते हैं।
11 लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरी
युद्धाभ्यास के दौरान दक्षिण चीन सागर में परमाणु बम ले जाने में सक्षम अमेरिका के बी-52एच बमवर्षक विमान के साथ 10 अन्य फाइटर जेट और निगरानी विमानों ने रविवार को एक साथ उड़ान भरी। ये सभी विमान अमेरिकी लड़ाकू विमान निमित्ज से उड़ान भरे थे। यूएसएस निमित्ज के साथ यूएसएस रोनाल्ड रीगन एयरक्राफ्ट कैरियर भी युद्धाभ्यास में हिस्सा ले रहा है।
1 से 5 जुलाई तक चीन ने किया था अभ्यास
पिछले सप्ताह चीन ने पैरासेल द्वीप के एक जुलाई से पांच दिनों के लिए सैन्य अभ्यास किया था। इस द्वीप पर वियतनाम और चीन दोनों ही अपना दावा करते हैं। दक्षिण चीन सागर में किए गए चीनी अभ्यास की वियतनाम और फिलीपींस ने भी आलोचना की थी। साथ ही चेतावनी दी कि क्षेत्र में चीन की इस गतिविधि से तनाव पैदा हो सकता है और बीजिंग का इसके पड़ोसी देशों के साथ संबंध खराब होने की पूरी संभावना है।
ज्ञात हो कि अमेरिका ने चीन पर दक्षिण चीन सागर में तनाव और इसके लिए एशियाई पड़ोसियों को डराने की कोशिश करने का आरोप लगाया है, जो इसके व्यापक तेल और गैस भंडार का फायदा उठाना चाहते हैं। रियर एडमिरल जॉर्ज एम विकोफ्फ ने कहा था कि हमारा उद्देश्य हमारे सहयोगियों और साझीदारों के लिए स्पष्ट संकेत देना है कि हम क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध हैं। दक्षिण चीन सागर (South China Sea) के 90 फीसद हिस्सा पर अमेरिका अपना दावा करता है, वहीं ब्रुनेई, मलेशिया, फिलीपींस, ताइवान और वियतनाम भी इसके हिस्सों पर अपना दावा करते हैं।