ट्रंप प्रशासन के अंतिम दिनों में ईरान, चीन और यूएई पर लगाए गए नए प्रतिबंध

अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में ईरान पर नए प्रतिबंध थोप दिए। इस देश की कई कंपनियों को प्रतिबंधित किया है। तेहरान के साथ कारोबार करने को लेकर चीन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की कुछ कंपनियों पर भी कार्रवाई की है।

By Arun kumar SinghEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 06:41 PM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 06:41 PM (IST)
ट्रंप प्रशासन के अंतिम दिनों में ईरान, चीन और यूएई पर लगाए गए नए प्रतिबंध
अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में

 वाशिंगटन, रायटर। अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में ईरान पर नए प्रतिबंध थोप दिए। इस देश की कई कंपनियों को प्रतिबंधित किया है। तेहरान के साथ कारोबार करने को लेकर चीन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की कुछ कंपनियों पर भी कार्रवाई की है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने बताया कि अमेरिका ने चीन की जियांग्यिन मैस्कॉट स्पेशल स्टील कंपनी और यूएई की एक्सेंचर बिल्डिंग मैटेरियल्स समेत सात कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है। उन्होंने कहा कि पारंपरिक हथियारों के प्रसार को लेकर ईरान के मरीन इंडस्ट्री आर्गेनाइजेशन, एयरोस्पेस इंडस्ट्री आर्गेनाइजेशन और ईरान एविएशन इंडस्ट्री आर्गेनाइजेशन को भी काली सूची में डाला गया है। 

पोंपियो ने शुक्रवार को एक बयान में बताया कि विदेश विभाग ईरान के खिलाफ धातुओं से संबंधित प्रतिबंध भी लगाने पर विचार कर रहा है। ईरान को जानबूझकर कुछ खास प्रकार के एल्युमीनियम और स्टील समेत 15 मैटेरियल की आपूर्ति की गई। इनका इस्तेमाल ईरान के परमाणु, सैन्य या बैलिस्टिक मिसाइलों में किया गया।बता दें कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दौरान ईरान पर यह दबाव बनाया कि वह अपने परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों को लेकर वार्ता की टेबल पर आए।

ऐसा नहीं होने पर उन्होंने 2018 में ईरान के परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया था। इसके बाद इस पश्चिम एशियाई देश पर कई सख्त प्रतिबंध थोप दिए थे। 2015 में यह परमाणु समझौता ईरान ने अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन और जर्मनी के साथ किया था। हालांकि भावी राष्ट्रपति जो बाइडन ने यह वादा किया है कि वह इस समझौते से दोबारा जुड़ेंगे।

सैन्य अभ्यास से ईरान ने दिखाई ताकत

तेहरान, एजेंसियां : ईरान के विशेष सैन्य बल रिवोल्यूशनरी गार्ड ने शनिवार को हिंद महासागर में अभ्यास किया और अपनी ताकत दिखाई। इस दौरान लंबी दूरी तक मार करने वाली कई मिसाइलें दागी गई। युद्धपोत रोधी दो बैलिस्टिक मिसाइलें भी दागी गई। इन मिसाइलों के जरिये 1,800 किलोमीटर दूर लक्ष्यों को भेद दिया गया। यह सैन्य अभ्यास ऐसे समय किया गया है, जब ट्रंप प्रशासन के महज कुछ दिन बचे हैं। तेहरान का इस प्रशासन के साथ गहरे मतभेद रहे हैं।

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