ईरान परमाणु समझौते के लिए वार्ता बेनतीजा, प्रतिबंधों के मुद्दे पर ईरान और अमेरिका अपने रुख पर कायम
ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए बैठक बेनतीजा साबित हुई है। पश्चिमी देशों के अधिकारियों ने ईरान पर अडि़यल रुख अपनाने का आरोप लगाया है तो ईरान ने कहा है कि अमेरिका प्रतिबंधों को हटाने के प्रति अनिच्छुक है।
दुबई, रायटर। ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए आस्ट्रिया की राजधानी विएना में हो रही बैठक अभी तक बेनतीजा है। अगले सप्ताह फिर से बैठने की बात कह दोनों पक्षों ने शुक्रवार को वार्ता स्थगित की थी। पश्चिमी देशों के अधिकारियों ने ईरान पर अडि़यल रुख अपनाने का आरोप लगाया है तो ईरान ने कहा है कि अमेरिका अपने लगाए प्रतिबंधों को हटाने के प्रति अभी अनिच्छुक है। इसी के कारण वार्ता आगे नहीं बढ़ पा रही है।
बैठक में अमेरिका की ओर से ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के अधिकारी ईरानी अधिकारियों से वार्ता कर रहे हैं। जबकि अमेरिकी अधिकारी दूर से वार्ता प्रक्रिया की जानकारी ले रहे हैं। 2015 में ईरान के साथ अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी का परमाणु समझौता हुआ था।
इस समझौते के अनुसार ईरान को परमाणु हथियार बनाने का प्रयास छोड़कर परमाणु ऊर्जा का इस्तेमाल शांतिपूर्ण कार्यो के लिए करना था। लेकिन 2018 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने देश को समझौते से अलग कर लिया और ईरान पर फिर से प्रतिबंध लगा दिए। इसके बाद ईरान ने अपनी यूरेनियम शोधन क्षमता बढ़ा दी। ज्यादा शुद्ध यूरेनियम से ही परमाणु बम बनाया जाता है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते में लौटने की घोषणा की थी।
इसी के परिणामस्वरूप फिर से अमेरिका इस समझौते में वापस आने के लिए तैयार हुआ है। लेकिन ईरान पहले अमेरिकी प्रतिबंध हटाए जाने की मांग कर रहा है। इसके बाद वह यूरेनियम शोधन का स्तर कम करने की बात कह रहा है। अमेरिका के इसके लिए तैयार न होने से दोनों पक्षों की वार्ता में गतिरोध बना हुआ है। ईरान की तस्नीम न्यूज एजेंसी के साथ वार्ता में एक वरिष्ठ ईरानी अधिकारी ने गतिरोध के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है। कहा है कि अमेरिका लचीला रुख अपनाए तो वार्ता सफल हो सकती है और परमाणु समझौता फिर से लागू हो सकता है।