बिना टीका लगवाने वालों के लिए काल बन रहा कोरोना, अमेरिका में सर्वाधिक मौतें इन्हीं लोगों की
अमेरिका में कोरोना से होने वाली मौतें केवल उन लोगों की हुई हैं जिनको कोविड रोधी टीका नहीं लगा था। इस चौंकाने वाली रिपोर्ट से यह बात स्पष्ट हो गई है कि कोरोना के खिलाफ वैक्सीन एक कारगर हथियार है।
न्यूयॉर्क, एपी। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीन एक बड़े हथियार के तौर पर सामने आई है। कोरोना संक्रमण के खिलाफ टीकाकरण की अहमियत का अंदाजा समाचार एजेंसी एपी की एक रिपोर्ट से लगाया जा सकता है। इस रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में कोरोना से होने वाली मौतें केवल उन लोगों की हुई हैं जिनको कोविड रोधी टीका नहीं लगा था। इस चौंकाने वाली रिपोर्ट से यह बात स्पष्ट हो गई है कि कोरोना के खिलाफ वैक्सीन एक कारगर हथियार है।
टीकाकरण से रोकी जा सकती है मौतें
अमेरिका में टीकाकरण का काम तेजी से हुआ जिससे संक्रमण से होने वाली मौतों पर लगाम लगी है। रोजाना होने वाली मौतें अब 300 से नीचे आ गई हैं। संकेत साफ हैं कि यदि कोरोना रोधी वैक्सीन सभी को लगा दी जाए तो व्यावहारिक रूप से मौतों का आंकड़ा शून्य हो सकता है। मई से उपलब्ध सरकारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि मई में 18,000 से अधिक मौतों में केवल 150 पूरी तरह से टीकाकरण वाले लोगों की थीं।
टीकाकरण पर जोर
इस महीने की शुरुआत में कोरोना संकट पर बाइडन प्रशासन के पूर्व सलाहकार एंडी स्लाविट ने कहा था कि कोरोना वायरस से मरने वाले 98 से 99 फीसद अमेरिकियों का टीकाकरण नहीं हुआ है। वहीं रोग नियंत्रण केंद्र के निदेशक डॉ. रोशेल वालेंस्की ने कहा कि टीकाकरण के जरिए मौतें खास कर वयस्कों में पूरी तरह से रोकी जा सकती हैं। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में लगभग 53 फीसद लोग पूरी तरह से टीकाकरण करा चुके हैं।
एक नजर इन देशों पर
ब्राजील : एएनआइ के अनुसार यहां रिकार्ड एक दिन में एक लाख 15 हजार से ज्यादा संक्रमण के नए मामले मिले हैं। 2392 लोगों की मौत हुई।
यूरोप : आइएएनएस के अनुसार यूरोपियन सेंटर फार डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ने आशंका जताई है कि अगस्त में यूरोप में डेल्टा वैरिएंट बहुत ज्यादा प्रभावी हो जाएगा।
रूस : एएनआइ के अनुसार रूस में एक दिन में बीस हजार से ज्यादा कोरोना के नए मामले मिले हैं। पिछले दिनों की तुलना में संक्रमण में तेजी आई है।
एस्ट्राजेनेका और फाइजर वैक्सीन साठ फीसद सफल
एस्ट्राजेनेका और फाइजर वैक्सीन की सिंगल खुराक साठ फीसद तक कोरोना वायरस से बचाव करती है। प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल लैसेंट में प्रकाशित किया गया यह अध्ययन 65 से ऊपर की उम्र के लोगों पर किया गया है। यह अध्ययन 8 दिसंबर 2020 से शुरू किया गया, जब वैक्सीन लगाना शुरू हुआ था। उसके बाद 15 मार्च 2021 तक का डाटा एकत्रित किया गया। अध्ययन में 10142 लोगों को शामिल किया गया जिनकी उम्र 65 साल या इसके ऊपर की थी।
संक्रमण का खतरा हो जा रहा कम
अध्ययन में सामने आया कि एस्ट्राजेनेका और फाइजर की सिंगल डोज लेने पर वैक्सीन लगने के 28 से 34 दिनों के बीच में 56 फीसद और 35 से 48 दिनों में 65 फीसद वायरस से संक्रमण का खतरा कम मिला। वैक्सीन के सिंगल डोज का प्रभाव चार सप्ताह से सात सप्ताह के बीच देखने को मिला। यह अध्ययन ब्रिटेन में डेल्टा वैरिएंट आने से पहले का है। अध्ययनकर्ताओं ने कहा है कि अभी दूसरी डोज के बाद का अध्ययन चल रहा है।