NASA Fly a Helicopter on Mars : अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने रचा इतिहास, नासा के हेलीकॉप्टर ने मंगल ग्रह पर भरी पहली उड़ान

NASA Fly a Helicopter on Mars नासा ने मंगल ग्रह पर सफलता की एक नई छलांग लगाई है। उसके रोबोट हेलीकॉप्टर ने इस लाल ग्रह पर सोमवार तड़के पहली उड़ान भरकर इतिहास रच दिया है। धरती से परे किसी दूसरे ग्रह पर इस तरह की यह पहली उड़ान है।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 05:03 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 08:26 PM (IST)
NASA Fly a Helicopter on Mars : अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने रचा इतिहास, नासा के हेलीकॉप्टर ने मंगल ग्रह पर भरी पहली उड़ान
नासा ने लाल ग्रह पर उड़ाया इनजेनयुटी हेलिकॉप्‍टर, पूरी दुनिया ने देखा दुर्लभ नजारा। फाइल फोटो।

लॉस एंजिलिस, एजेंसियां। NASA Fly a Helicopter on Mars : अमेरिकी अंतिरिक्ष एजेंसी नासा ने मंगल ग्रह पर सफलता की एक नई छलांग लगाई है। उसके रोबोट हेलीकॉप्टर ने इस लाल ग्रह पर सोमवार तड़के पहली उड़ान भरकर इतिहास रच दिया है। धरती से परे किसी दूसरे ग्रह पर इस तरह की यह पहली उड़ान है। छोटे आकार का यह हेलीकॉप्टर उड़ान के दौरान दस फीट की ऊंचाई पाने में सफल रहा।

दूसरे ग्रहों पर खोज के नए तरीकों का मार्ग प्रशस्त

नासा ने कहा कि इस सफलता से सौर मंडल के मंगल समेत दूसरे ग्रहों पर खोज के नए तरीकों का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। इस बीच इस प्रोजेक्ट की मैनेजर मिमि आंग ने कहा कि हम अब यह कह सकते हैं कि इंसान दूसरे ग्रह पर रोटरक्राफ्ट उड़ा सकते हैं।' नासा ने बताया कि कार्बन फाइबर के ब्लेड घूमने लगे और इनजेनयुटी नाम के हेलीकॉप्टर ने लाल ग्रह की सतह को छोड़कर उड़ान भरी। करीब दस फीट की ऊंचाई के बाद यह वापस लैंड कर गया और यह सब करीब 30 सेंकेंड का रहा। इस मिशन को लॉस एंजिलिस के पास स्थित नासा के जेट प्रोपल्सन लेबोरेटरी से संचालित किया गया। नासा ने इस मिशन की कुछ तस्वीरें जारी की हैं, जबकि वीडियो में हेलीकॉप्टर को धूल के बीच उड़ान भरते देखा गया।

ऐसा है नासा का हेलीकॉप्टर

लगभग 1.8 किलोग्राम का यह रोबोट रोटरक्राफ्ट अपने चार कार्बन फाइबर ब्लेड के सहारे उड़ान भरने में सक्षम है। इसके ब्लेड 2400 राउंड प्रति मिनट की दर से घूम सकते हैं। यह स्पीड धरती पर मौजूद हेलीकॉप्टरों के ब्लेड की गति से लगभग आठ गुना ज्यादा है।

लाल ग्रह के नमूने एकत्र करने में मददगार

साढ़े आठ करोड़ डॉलर (करीब 640 करोड़ रुपये) की लागत वाला यह हेलीकॉप्टर लाल ग्रह पर नमूने एकत्र करने में मददगार बताया जा रहा है। यह उन जगहों से भी नमूने एकत्र कर सकता है, जहां रोवर नहीं पहुंच सकता है। हेलीकॉप्टर उड़ान भरने के करीब पौने तीन घंटे बाद आंकड़े मिलना शुरू हो जाएंगे। नासा को इससे चित्र और वीडियो मिलने की भी उम्मीद है। इनजेनयुटी नाम का हेलीकॉप्टर मंगल के उन स्थानों से आंकड़ों को लाने में सक्षम होगा, जहां रोवर नहीं पहुंच सकता है। धरती के बाहर किसी हेलीकॉप्टर की यह पहली उड़ान होगी।

रोवर के साथ पहुंचा हेलीकॉप्टर

नासा ने जीवन की तलाश में मंगल ग्रह पर गत 18 फरवरी को पर्सिवेरेंस नामक अपना रोवर उतारा था। इसके साथ ही यह हेलीकॉप्टर भी लाल ग्रह पर पहुंचा था। इसकी पहली उड़ान 11 अप्रैल को होनी थी, लेकिन तकनीकी समस्या के कारण उड़ान नहीं हो पाई थी।

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