Mumbai terror attack: तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण पर कल अमेरिकी अदालत में सुनवाई
लास एंजिलिस स्थित जिला अदालत की जज जैकलीन चूलजैन ने अपने पांच अप्रैल के आदेश में कहा था कि 59 वर्षीय तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण की सुनवाई निजी तौर पर उनकी उपस्थिति पर 22 अप्रैल से 24 जून के बीच होगी।
वाशिंगटन, प्रेट्र। मुंबई में वर्ष 2008 में हुए आतंकी हमले में शामिल पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यापारी तहव्वुर राणा के खिलाफ एक संघीय अमेरिकी अदालत में गुरुवार को सुनवाई होनी तय है। उसको भारत में प्रत्यर्पण की सुनवाई के लिए सशरीर उपस्थित रहना होगा। अमेरिकी सरकार ने अदालत के समक्ष दिए अपने कई हलफनामों में कहा कि अमेरिका प्रत्यर्पण के सर्टीफिकेट के लिए अमेरिका का समर्थन करेगा।
भारत से अधिकारियों का एक दस्ता अमेरिका पहुंच चुका है। लास एंजिलिस की संघीय अदालत में सुनवाई के दौरान यह लोग भी उपस्थित रहेंगे। लास एंजिलिस स्थित जिला अदालत की जज जैकलीन चूलजैन ने अपने पांच अप्रैल के आदेश में कहा था कि 59 वर्षीय तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण की सुनवाई निजी तौर पर उनकी उपस्थिति पर 22 अप्रैल से 24 जून के बीच होगी।
26 नवंबर, 2008 के मुंबई आतंकी हमले के आरोपित तहव्वुर राणा भारत में वांछित है। इस भीषण आतंकी हमले में मुख्य अभियुक्त डेविड कोलमैन हेडली के बचपन के दोस्त राणा को दोबारा लास एंजिलिस में 10 जून, 2020 को गिरफ्तार कर लिया गया। उसके बाद भारत ने राणा के प्रत्यर्पण की अपील की जोकि मुंबई आतंकी मामले में भारत में वांछित है। इस आतंकी हमले में छह अमेरिकियों समेत 166 लोग मारे गए थे। राणा को भारत ने भगोड़ा घोषित किया है।
वहीं, 60 वर्षीय हेडली इस मामले में गवाह बन चुका है और अमेरिका में 35 साल जेल की सजा काट रहा है। राणा ने अपने भारत प्रत्यर्पण का विरोध करते हुए कहा कि उसे शिकागो में अमेरिकी अदालत पहले ही सजा दे चुकी है।