India China Tension: अमेरिका ने कहा, चीन के आक्रामक तेवर का भारत ने दिया मुंहतोड़ जवाब

माइक पोंपियो ने कहा कि मैंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से चीन से सीमा विवाद पर कई बार बात की। भारतीयों ने जितना हो सकता था इसका जवाब दिया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Wed, 08 Jul 2020 08:52 PM (IST) Updated:Thu, 09 Jul 2020 01:50 AM (IST)
India China Tension: अमेरिका ने कहा, चीन के आक्रामक तेवर का भारत ने दिया मुंहतोड़ जवाब
India China Tension: अमेरिका ने कहा, चीन के आक्रामक तेवर का भारत ने दिया मुंहतोड़ जवाब

वाशिंगटन, एजेंसियां। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने बुधवार को कहा कि चीन के आक्रामक तेवर का भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया है। सीमा विवाद को उकसाना चीन की आदत बन गई है और दुनिया को उसे ऐसा नहीं करने देना चाहिए। यहां प्रेस कांफ्रेंस में लद्दाख में चीनी घुसपैठ के सवाल पर पोंपियो ने कहा, 'मैंने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से इस बारे (चीन की आक्रामक कार्रवाई) के बारे में कई बार बात की। चीन ने बिना किसी उकसावे के ये कार्रवाई की और भारत ने उसका सही जवाब दिया।'

चीन का सभी पड़ोसियों के साथ सीमा विवाद

उन्होंने कहा कि इसे सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) की आक्रामता की किसी एक घटना के रूप में नहीं देखना चाहिए बल्कि क्षेत्र और पूरी दुनिया में चीनी राष्ट्रपति और सीसीपी के महासचिव शी चिनफिंग और उनके व्यवहार के व्यापक संदर्भ में देखना चाहिए। चीन का अपने सभी पड़ोसी देश के साथ सीमा विवाद है। अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण के एक कार्यक्रम में चीन ने हाल में भूटान के साथ सीमा विवाद का मुद्दा उठाया था। हिमालय की पर्वत श्रृंखलाओं से लेकर समुद्र में वियतनाम के सेनकाकू द्वीपों तक चीन का सीमा विवाद है। चीन के पास क्षेत्रीय विवादों को भड़काने का एक पैटर्न है।

उन्‍होंने कहा कि चीन के बहुत ज्यादा ऐसे पड़ोसी नहीं हैं जो यह संतोषजनक रूप से बता पाएं कि उनकी सीमा कहां खत्म होती है और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी इसका सम्मान करेगी। यह निश्चित रूप से भूटान के मामले में सच हैं। पूरी दुनिया को इससे निपटने के लिए एकसाथ आना चाहिए। दुनिया को उसे इस तरह की शैतानी करते रहने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। उन्‍होंने कहा कि दुनिया ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का असली रंग देखा है। मैं पहले से कहीं ज्यादा आश्वस्त हूं कि दुनिया के लोग आजादी के इस खतरे को समझेंगे। दुनिया पर चीनी कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के महासचिव शी जिनपिंग का प्रभाव स्वतंत्र और लोकतंत्र के लिए बहुत अच्छा नहीं है। उन्‍होंने कहा कि किसी भी बिना चुने हुई कम्युनिस्ट सरकार की तरह बीजिंग भी दुश्मनों से ज्यादा अपने लोगों के खुले विचारों से अपने डरता है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ साख की समस्या है।

दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में विवाद पैदा कर रहा चीन

पोंपियो ने कहा कि सीसीपी के आक्रामक रवैये को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि चीन दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में विवाद पैदा कर रहा है। उसने क्षेत्र के कई द्वीपों पर अपने सैन्य अड्डे बना लिए हैं और पूरे क्षेत्र पर कब्जा जमा लिया है। ये दोनों ही क्षेत्र खनिज, तेल और अन्य प्राकृतिक संसाधनों से भरे हुए हैं और अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए भी यह क्षेत्र अत्यधिक महत्वपूर्ण है। गौरतलब है कि चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा जताता है, लेकिन वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान उसके दावे का विरोध करते हैं।

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