America के शहरों को जलाने वाला एक संगठन ऐसा भी, न कोई नेता न कोई मुख्यालय

अमेरिका के तमाम शहरों में जो तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हो रही हैं उसेक लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एंटीफा नामक संगठन को जिम्मेदार ठहराया और आतंकी करार दिया है।

By Vinay TiwariEdited By: Publish:Tue, 02 Jun 2020 02:45 PM (IST) Updated:Tue, 02 Jun 2020 05:37 PM (IST)
America के शहरों को जलाने वाला एक संगठन ऐसा भी, न कोई नेता न कोई मुख्यालय
America के शहरों को जलाने वाला एक संगठन ऐसा भी, न कोई नेता न कोई मुख्यालय

वाशिंगटन। पहले कोरोना से परेशान अमेरिका में एक सप्ताह से बवाल हो रहा है। बीते दो दिनों से इस बवाल ने आक्रामक रूख अख्तियार कर लिया है। अब अमेरिका के तमाम शहरों में तोड़फोड़ और लूटपाट जैसी घटनाएं भी हो रही हैं। उपद्रवी तोड़फोड़ के साथ धार्मिक जगहों पर आगजनी भी कर रहे हैं।

शहर में उपद्रव की तस्वीरों को देखते हुए अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ये सब अचानक से नहीं हुआ है इसके पीछे एक सोची समझी रणनीति है। शहर की शांति व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के पीछे एंटीफा नामक संगठन काम कर रहा है। ये एक ऐसा संगठन है जिसका कोई चेहरा नहीं है मगर तोड़फोड़ और प्रदर्शन करने वालों के हाथों में जो पोस्टर दिख रहे हैं उस पर इस संगठन का नाम भी लिखा जा रहा है। लूटपाट, तोड़फोड़ और आगजनी करना इस संगठन की पहचान है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ट्वीटर हैंडल से इस संगठन को आतंकी संगठन घोषित कर दिया है। 

The United States of America will be designating ANTIFA as a Terrorist Organization.

— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) May 31, 2020

राजधानी वॉशिंगटन डीसी में दो दिन पहले बुरी तरह से लूटपाट और तोड़फोड़ की घटनाएं देखने को मिली, इनको इसी संगठन ने अंजाम दिया था। अब वहां पर दुकानें खुल रही हैं जो नुकसान पहुंचा था उसको ठीक करने के प्रयास किए जा रहे हैं। जहां तोड़फोड़ हुई है उसकी मरम्मत करके उनको ठीक किया जा रहा है। यहां बड़े-बड़े शोरूम पर पत्थर बरसाए गए थे जिसके निशान आज भी देखे जा सकते हैं। 

27 मई के बाद से धीरे-धीरे कर जल रहा अमेरिका 

दरअसल पूरे अमेरिका में ये विरोध प्रदर्शन और तोड़फोड़ की घटनाएं 27 मई के बाद देखने को मिली है। 27 मई को मिनियापोलिस में एक अश्वेत जार्ज फ्लॉयड की हत्या कर दी गई थी, पुलिस के घुटने के नीचे दबे जार्ज फ्लॉयड का वीडियो वायरल सोशल मीडिया पर हो गया, इसी के बाद मिनियापोलिस में जमकर उत्पात हुआ, लूटपाट की घटनाएं हुई उसके बाद आगजनी की गई। धीरे-धीरे ये विरोध पूरे अमेरिका में फैल गया। हालात इतने खराब हो गए कि एक जून को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को खुद एक बंकर में छिपकर अपने को सुरक्षित करना पड़ा। कल बड़े पैमाने पर प्रदर्शनाकारी यहां जुटे और जॉर्ज फ्लॉयड की मौत का विरोध किया। 

विरोध प्रदर्शन को देखते हुए अमेरिका के मिनियापोलिस शहर समेत 15 राज्यों में रिजर्व सेना नेशनल गार्ड्स को बुला लिया गया है। उन्होंने मिनियापोलिस पहुंच कर तुरंत हालात पर काबू किया। एंटीफा के सदस्यों को गिरफ्तार करके इस पर रोक लगाई गई। राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया कि मिनियापोलिस में हुई हिंसा सुनियोजित थी जिसे करने के लिए 80 फीसदी लोग दूसरे राज्यों से वहां पहुंचे थे।

एंटीफा का इतिहास 

एंटीफा एक पुस्तक का नाम है। इसके लेखक अमेरिकी इतिहासकार मार्क ब्रे है। उन्होंने इस पुस्तक को 1920 के दशक में फासीवाद पर चल रहे अन्य उदारवादी समूहों, कम्युनिस्टों, मजदूर वर्ग और अन्य समूहों के आंदोलन को ध्यान में रखकर लिखा था। इस किताब में उन्होंने अर्दिती डेल पोपोलो (द पीपल्स डारिंग ओन्स) के कुख्यात ब्लैकशर्ट्स के खिलाफ लड़ाई लड़ने वालों का उदाहरण दिया है। एंटीफा का सबसे ताजा मामला अमेरिका के तमाम शहरों में देखने को मिल रहा है। 

संयुक्त राज्य अमेरिका में एंटीफा पहली बार 2017 में सामने आया था। उस समय उसने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले में संपत्ति विनाश की एक लहर को उकसाया, एक निर्धारित पते से दक्षिणपंथी भड़काऊ लेखक मिलो यायनोपोलोस को रोका। ये एंटीफा सदस्यों में से एक थे। एक वायरल वीडियो में सार्वजनिक रूप से यायनोपोलोस ने सफेद वर्चस्ववादी रिचर्ड स्पेंसर को मुक्का मारा। ये हादसा तब हुआ जब डोनाल्ड ट्रंप एक कार्यक्रम में उद्घाटन के बाद वहां से चले गए थे। 

इसके बाद उदारवादी वाम हलकों में भी एंटीफा रणनीति की आलोचना की गई है। डेमोक्रैट और हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने खुद को एंटीफा कहने वाले लोगों की हिंसक कार्रवाई को रोक दिया और कहा कि उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। लोकप्रिय लेफ्ट लेखक नोम चोमस्की ने एंटीफा को फ्रिंज आंदोलन और आतंकवादी अधिकार के लिए उपहार कहा।

श्वेत और अश्वेत दोनों शामिल 

कुछ दिन पहले अमेरिका के लॉस एंजेलिस में भी इस संगठन से जुड़े लोगों ने आक्रामक प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी पुलिस की गाड़ी पर चढ़ गए और गाड़ी को तहस नहस कर दिया। उसमें आग लगा दी। अमेरिकी झंडे को जला दिया गया। इसमें ये देखने में आया कि वहां पर मौजूद लोगों में श्वेत और अश्वेत दोनों ही शामिल थे। हर जगह से एक जैसी तस्वीरों को देखने के बाद ट्रंप सरकार ने कहा कि इन सभी को करने के पीछे एक ही संगठन का हाथ है क्योंकि जिस तरह से इन चीजों को अंजाम दिया गया वो इसी संगठन के विरोध प्रदर्शन का तरीका है।  

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