PM Modi visit to America: 5 बिंदुओं में जानें PM मोदी की US यात्रा क्‍यों रही बेहद खास, भारत की धारदार कूटनीति से च‍ित हुए पाक और चीन

ऐसे में यह सवाल उठ रहे हैं कि पीएम मोदी की यह अमेरिका यात्रा कितनी सफल रही। क्‍या भारत अमेरिका में अपने कूटनीतिक मिशन में सफल रहा है। सवाल यह है कि आखिर मोदी की यह अमेरिका यात्रा किस मामले में ऐतिहासिक रही। भविष्‍य में इसके क्‍या निहितार्थ होंगे।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 02:22 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 09:57 PM (IST)
PM Modi visit to America: 5 बिंदुओं में जानें PM मोदी की US यात्रा क्‍यों रही बेहद खास, भारत की धारदार कूटनीति से च‍ित हुए पाक और चीन
5 बिंदुओं में जानें PM मोदी की अमेरिका यात्रा क्‍यों रही बेहद खास। एजेंसी।

नई दिल्‍ली, आनलाइन डेस्‍क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की अपनी पांच दिवसीय यात्रा से वापस आ गए हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा को संबोधित किया और क्वाड शिखर सम्‍मेलन में भी हिस्‍सा लिया। ऐसे में यह सवाल उठ रहे हैं कि उनकी यह अमेरिका यात्रा कितनी सफल रही। क्‍या भारत, अमेरिका में अपने कूटनीतिक मिशन में सफल रहा है। सवाल यह है कि आखिर मोदी की यह अमेरिका यात्रा किस मामले में ऐतिहासिक रही। भविष्‍य में इसके क्‍या निहितार्थ होंगे। आइए जानते हैं मोदी की इस यात्रा को विशेषज्ञ किस नजरिए से देखते हैं। विशेषज्ञ इसे कितनी सफल मानते हैं।

A- क्वाड शिखर वार्ता में आतंकवाद और अफगानिस्‍ता बना एजेंडा

1- प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा कूटनीतिक उपलब्धियों के लिहाज से बेहद अहम कहा जा सकता है। मोदी की सफल कूटनीति के कारण ही क्वाड शिखर सम्‍मेलन में पहली बार अफगानिस्‍तान और आतंकवाद के एजेंडे को शामिल किया गया। अंतरराष्‍ट्रीय मंच में मोदी कूटनीति की यह बड़ी जीत है। क्वाड शिखर सम्‍मेलन में भारत ने अफगानिस्‍तान में अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद भारतीय हितों की चिंताओं को खुलकर सामने रखा।

2- पंत ने कहा कि क्वाड बैठक में भारत यह सिद्ध करने में कामयाब रहा कि तालिबान शासन में पाकिस्‍तान की दिलचस्‍पी भारत विरोधी है। उसने पाकिस्‍तान की कथनी और करनी में भेद करते हुए यह सिद्ध कर दिया कि वह आतंकवाद का पोषण कर रहा है। भारत ने अपनी आंतरिक और बाहरी सुरक्षा को लेकर क्वाड देशों के समक्ष अपनी चिंता रखी। अफगानिस्‍तान में अपने आर्थिक हितों को लेकर भी भारत ने अपनी चिंता व्‍यक्‍त की। बता दें कि अफगानिस्‍तान में अचानक अमेरिकी सैनिकों की वापसी से भारतीय हितों को झटका लगा था। भारत ने भी अमेरिका के इस कदम से हैरानगी जताई थी।

B- बाइडन और मोदी की मुलाकात के मायने

1- प्रो. पंत ने कहा कि संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा की बैठक में जब पूरी दुनिया के शीर्ष नेता अमेरिका में मौजूद हो उस वक्‍त राष्‍ट्रपति बाइडन ने क्वाड के नेताओं को विशेष तवोज्‍जह दिया। इस क्रम में राष्‍ट्रपति बाइडन और पीएम मोदी की व्‍यक्तिगत मुलाकात खास मायने रखती है। इससे भारत की कूटनीतिक क्षमता का अंदाजा लगाया जा सकता है। मोदी की सफल वैदेशिक नीति के कारण भारत को अंतरराष्‍ट्रीय जगत में एक खास महत्‍व दिया गया। पूरी दुनिया ने इसे अपनी आंखों से देखा।

2- बता दें कि अमेरिका में पहले पीएम मोदी और राष्‍ट्रपति बाइडन के बीच व्‍यक्तिगत मुलाकात का कार्यक्रम नहीं था। अमेरिकी राष्‍ट्रपति के कार्यक्रम में तब्‍दील करते हुए मोदी के साथ उनका कार्यक्रम रखा गया। यह मुलाकात जिस अंदाज और माहौल में हुई वह बेहद सकारात्‍मक थी। बाइडन ने भारत से अपने तार जोड़ने की कोशिश की। यह इस बात के संकेत हैं कि अमेरिका की भारत के साथ संबंधों में कितनी दिलचस्‍पी है। इसके बड़े निहितार्थ। खासकर तब जब भारत 21वीं सदी में अपने विकास पथ पर तेजी से अग्रसर है। इसके साथ सामरिक क्षेत्र में चीन और पाकिस्‍तान का गठबंधन भारत के समक्ष एक नई चुनौती पेश कर रहा है।

C- सफल रही भारत की वैक्‍सीन डिप्‍लोमेसी, चित हुआ चीन

क्वाड शिखर वार्ता में भारत अपनी कोरोना वैक्‍सीन डिप्‍लोमेसी को लेकर भी कामयाब रहा। भारत ने वैक्‍सीन को लेकर चीन को पूरी तरह से चित कर दिया है। क्वाड शिखर वार्ता में भारतीय कंपनियों को अमेरिकी कंपनी जानसन एंड जानसन की कोरोना वैक्‍सीन की एक अरब डोज बनाने पर सहमति बनी है। यह भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत है। इससे भारत चीन निर्मित वैक्‍सीन को एक नई चुनौती देगा। क्वाड देशों ने सेमी कंडक्‍टर की सुरक्षित सप्‍लाई के लिए मिलकर काम करने का फैसला लिया गया है। इससे चीन को कड़ी टक्‍कर मिल सकती है। चीन अपने दोयम दर्जे की वैक्‍सीन से दुनिया में अपने प्रभाव को बढ़ाने में जुटा हुआ है, ऐसे में भारत दुनिया के कई देशों के लिए चीन का बेहतर विकल्‍प बन सकता है।

D- निकट आए पीएम मोदी और राष्‍ट्रपति बाइडन

प्राे. पंत का कहना कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन और मोदी की प्रथम मुलाकात बेहद प्रभावशाली और दिलचस्‍प रही। दोनों नेताओं की यह व्‍यक्तिगत मुलाकात बेहद सकारात्‍मक माहौल में हुई। पूर्व अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप और मोदी की दोस्‍ती के बाद बाइडन और मोदी की केमस्‍ट्री भी रंग लाएगी। बाइडन ने इस वार्ता में यह सिद्ध कर दिया कि अमेरिका भारत का सच्‍चा दोस्‍त है। वार्ता के क्रम में बाइडन ने अपनी पूर्व में हुई भारत की यात्रा जिक्र भी किया। उन्‍होंने मोदी से कहा कि भारत में भी एक बाइडन रहते हैं।

E- UNGA में मोदी के प्रभावशाली भाषण

संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा की अध्‍यक्षीय भाषण में मोदी बिना किसी देश का नाम लिए पूरी दुनिया का ध्‍यान चीन और पाक की ओर खींचने में कामयाब रहे। प्रधानमंत्री मोदी ने सात साल से अधिक के कार्यकाल में चौथी बार संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया। उनके भाषण में तीन मुद्दों पर महासभा में मौजूद नेताओं ने तालियां बजाईं। जब उन्होंने भारत में लोकतंत्र की मजबूती का जिक्र करते हुए अपना उदाहरण दिया। इसके बाद जब उन्होंने कोरोना वैक्सीन का जिक्र करते हुए दुनियाभर के वैक्सीन निर्माताओं को आमंत्रित किया और अंतत: जब उन्होंने अफगानिस्तान के हालात का जिक्र किया।

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