अफगानिस्तान में आइएस और अलकायदा आतंकियों पर दबाव बनाए रखेगा अमेरिका, जानें पूरी योजना

अमेरिकी मध्‍य कमांड के कमांडर केनेथ मैकेंजी (Kenneth McKenzie) का कहना है कि अमेरिका अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट (Islamic State IS) और अलकायदा आतंकी समूहों पर दबाव बनाए रखने की कोशिश करेगा। क्‍या है अमेरिकी सेना की योजना जानने के लिए पढें यह रिपोर्ट...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 05:56 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 11:55 PM (IST)
अफगानिस्तान में आइएस और अलकायदा आतंकियों पर दबाव बनाए रखेगा अमेरिका, जानें पूरी योजना
अमेरिका अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट और अलकायदा आतंकी समूहों पर दबाव बनाए रखने की कोशिश करेगा।

काबुल/वाशिंगटन, आइएएनएस। अमेरिकी मध्‍य कमांड के कमांडर केनेथ मैकेंजी (Kenneth McKenzie) का कहना है कि अमेरिका अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट (Islamic State, IS) और अलकायदा आतंकी समूहों पर दबाव बनाए रखने की कोशिश करेगा। उन्होंने कहा कि यह काम मुझे दिया गया है। मैं अभी रक्षा सचिव के साथ कुछ योजनाओं पर चर्चा कर रहा हूं। यह काम बहुत मुश्किल होगा लेकिन हम इसे करेंगे।

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि तालिबान अफगानिस्तान पर नियंत्रण पाने के लिए तैयार है। इस रिपोर्ट पर मैकेंजी ने कहा कि हम अभी भी अफगान सेना का समर्थन करने का इरादा रखते हैं। हम अभी भी उन्हें धन के साथ समर्थन करने जा रहे हैं। कुछ चीजें देश से बाहर आ जाएंगी जिन पर काम किया जाएगा। यह पूछे जाने पर कि क्या काबुल जैसे बड़े शहरों पर आतंकियों के हावी होने पर अमेरिका अफगान बलों की कोई मदद करेगा...

इस सवाल पर मैकेंजी ने कहा कि यह नीतिगत निर्णय है। अभी हम जो करने की योजना बना रहे हैं। उसमें अल कायदा और आईएस पर दबाव बनाए रखना है। यही वह होगा जो हम अफगानिस्तान में वापस जाकर करेंगे। शीर्ष अमेरिकी अधिकारी की टिप्पणी ऐसे वक्‍त में आई है जब तालिबान ने अमेरिकी एवं अन्य नाटो सैनिकों की वापसी के बाद से प्रांतीय राजधानियों, जिलों, ठिकानों और चौकियों पर हमले तेज कर दिए हैं।

उल्‍लेखनीय है कि पहली मई के बाद से अब तक कम से कम 15 जिले तालिबान के हाथ में आ गए हैं। इससे हजारों अफगान लोग विस्थापित हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान पिछले एक साल में पांच जिलों पर कब्जा करने में सक्षम था। इनमें से चार जिलों पर कई दिनों के भीतर सरकार ने कब्जा कर लिया था। बता दें कि 11 सितंबर तक अंतरराष्ट्रीय सैनिकों की वापसी पूरी होनी है।

chat bot
आपका साथी