पेंटागन के उप सहायक मंत्री पर भारतवंशी आशीष वजीरानी को बाइडन ने नामित किया, जानें- इनके बारे में
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने पेंटागन प्रमुख पद पर एक भारतवंशी अमेरिकी प्रबंधन सलाहकार आशीष वजीरानी को नामित करने की घोषणा की है। वजीरानी को रक्षा विभाग में कार्मिक एवं तैयारी के लिए उप रक्षा मंत्री पद के लिए नामित किया गया है।
वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने पेंटागन के उप सहायक मंत्री के पद पर एक भारतवंशी अमेरिकी प्रबंधन सलाहकार आशीष वजीरानी को नामित करने की घोषणा की है। वजीरानी को रक्षा विभाग में कार्मिक एवं तैयारी के लिए उप सहायक रक्षा मंत्री पद के लिए नामित किया गया है। वर्तमान में वह ए2ओ स्ट्रेटेजीज एलएलसी के प्रिंसिपल हैं। यहां वह विकास रणनीतियों के विकास, कार्यान्वयन और निष्पादन पर वाणिज्यिक और गैर-लाभकारी, उच्च विकास और बड़े उद्यमों को सलाहकार सेवाएं प्रदान करते हैं।
व्हाइट हाउस ने कहा है कि अभी हाल तक वजीरानी नेशनल मिलिट्री फैमिली एसोसिएशन (एनएमएफए) के कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ थे। यहां उन्होंने सैनिकों के परिवारों को सहारा देने के लिए एनएमएफए का समर्थन और प्रोग्रामिंग के सभी पहलुओं के लिए रणनीतिक और परिचालन निरीक्षण मुहैया कराया और दिशा दी। उनके कार्यकाल के दौरान एनएमएफए ने अपनी फोर-स्टार चैरिटी रेटिंग और चाइल्ड केयर शुल्क राहत कार्यक्रम सहित विस्तारित प्रोग्रामिंग को फिर से हासिल किया।
एनएमएफए में शामिल होने से पहले उन्होंने सशस्त्र सेवा वाईएमसीए (एएसवाईएमसीए) में विकास और प्रोग्रामिंग की अगुआई की। व्हाइट हाउस के अनुसार, वजीरानी को सैन्य परिवारों की बेहतरी के लिए नेशनल अकादमी आफ साइंस, इंजीनियरिंग और मेडिसिन समिति के सदस्य के रूप में भी चुना गया था।
व्हाइट हाउस के अनुसार वजीरानी ने एएसवाईएमसीए के साथ काम करने से पहले 22 साल तक उन्होंने प्रमुख उच्च तकनीक और दवा कंपनियों के साथ काम करते हुए एक प्रबंधन सलाहकार के रूप में 22 साल बिताए। व्हाइट हाउस ने कहा कि वजीरानी ने 1986 से 1993 तक यूनाइटेड स्टेट्स नेवी में सबमरीन आफिसर के तौर पर काम किया।
वजीरानी ने वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री, नार्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के मैककार्मिक स्कूल आफ इंजीनियरिंग से इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री और नार्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के केलाग स्कूल आफ मैनेजमेंट से एमबीए किया है। जब वह 3 साल के थे तब उनका परिवार अमेरिका में आ गया था।