बाइडन ने पलटा ट्रंप का एक और फैसला, सेना में ट्रांसजेंडर पर लगे प्रतिबंधों को हटाया

राष्ट्रपति जो बिडेन ने सोमवार को एक आदेश पर हस्ताक्षर कर पूर्व में ट्रांसजेंडरों के सेना में शामिल होने पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है। उन्होंने कहा कि सभी योग्य अमेरिकियों को अपने देश की सेवा करने का पूरा अवसर मिलना चाहिए।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Tue, 26 Jan 2021 11:47 AM (IST) Updated:Tue, 26 Jan 2021 11:47 AM (IST)
बाइडन ने पलटा ट्रंप का एक और फैसला, सेना में ट्रांसजेंडर पर लगे प्रतिबंधों को हटाया
जो बाइडन ने अमेरिकी सेना में ट्रांसजेंडर लोगों पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है।

वाशिंगटन, एपी। अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति जो बाइडन पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसलों को लगातार पलट रहे हैं। नए कार्यकारी आदेश के जरिए उन्होंने अमेरिकी सेना में ट्रांसजेंडरों के शामिल होने पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल केपहले साल में ही ट्रांसजेंडरों के सेना में शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया था। बाइडन के कार्यभार संभालने के बाद से ही उनके पेंटागन की इस नीति में बदलाव करने की संभावनाएं बनी थीं।

कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करते हुए बाइडन ने कहा कि मैं जो कर रहा हूं वह सभी योग्य अमेरिकियों को वर्दी में अपने देश की सेवा करने में सक्षम बनाएगा। आदेश में कहा गया है कि जब यह समावेशी होता है, तो अमेरिका अपने घर और दुनिया भर में अधिक मजबूत होता है। सेना को इस्से कोई आपत्ति नहीं है।

Today, I repealed the discriminatory ban on transgender people serving in the military. It’s simple: America is safer when everyone qualified to serve can do so openly and with pride.

— President Biden (@POTUS) January 25, 2021

सेवानिवृत्त जनरल लॉयड ऑस्टिन ने अमेरिका के रक्षा मंत्री पद के लिए अपने नाम की पुष्टि के लिए सीनेट के समक्ष पिछले सप्ताह हुई सुनवाई के दौरान इस कदम का समर्थन किया था। ऑस्टिन ने कहा था, 'मैं इस प्रतिबंध को हटाने की राष्ट्रपति की योजना का समर्थन करता हूं। अगर आप सेवा करने के लिए योग्य हैं और मानकों को बनाए रख सकते हैं, तो आपको सेवाएं देने का अधिकार होना चाहिए।'

यह आदेश रक्षा और होमलैंड सिक्योरिटी के विभागों को निर्देश देता है कि वे सैन्य और तटरक्षक बल में आदेश को लागू करने के लिए कदम उठाएं। इशमें कहा गया है कि उन्हें ऐसे लोगों के रिकॉर्ड को फिर से जांचना होगा जिन्हें पिछली नीति के तहत अस्वीकृत कर दिया गया था। इसके लिए विभागों को 60 दिनों के भीतर राष्ट्रपति को अपनी प्रगति पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।

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