अमेरिका-तालिबान समझौते की समीक्षा करेगा बाइडन प्रशासन, ट्रंप सरकार ने संगठन से किया था करार

अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता एमिली हॉर्न ने शुक्रवार को बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने अपने अफगान समकक्ष हमदुल्ला माहिब से फोन पर बात की। सुलिवन ने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका शांति प्रक्रियाओं का समर्थन करना जारी रखेगा।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Sat, 23 Jan 2021 07:40 PM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 07:40 PM (IST)
अमेरिका-तालिबान समझौते की समीक्षा करेगा बाइडन प्रशासन, ट्रंप सरकार ने संगठन से किया था करार
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की फाइल फोटो

वाशिंगटन, प्रेट्र। बाइडन प्रशासन ने बताया कि अमेरिका और तालिबन के बीच हुए समझौते की समीक्षा की जाएगी। इसका आकलन किया जाएगा कि क्या यह आतंकी संगठन अफगान शांति समझौते के तहत हिंसा में कमी ला रहा है या नहीं। अफगानिस्तान में वर्ष 2001 से जारी संघर्ष को खत्म करने के प्रयास में ट्रंप प्रशासन ने गत वर्ष फरवरी में तालिबान के साथ शांति समझौता किया था।

अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता एमिली हॉर्न ने शुक्रवार को बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने अपने अफगान समकक्ष हमदुल्ला माहिब से फोन पर बात की। सुलिवन ने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका शांति प्रक्रियाओं का समर्थन करना जारी रखेगा।

आतंकी संगठन अफगान सरकार के साथ सीधी शांति वार्ता शुरू करने पर हुआ था सहमत

उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि उनका देश तालिबान के साथ हुए समझौते की समीक्षा करने का इरादा रखता है। इसमें यह देखा जाएगा कि तालिबान अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा कर रहा है या नहीं। ट्रंप प्रशासन ने गत फरवरी में दोहा में यह समझौता किया था। इस समझौते में अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों की वापसी के बदले तालिबान ने सुरक्षा की गारंटी दी थी। साथ ही यह आतंकी संगठन अफगान सरकार के साथ सीधी शांति वार्ता शुरू करने पर भी सहमत हुआ था।

घरेलू उग्रवाद की भी होगी समीक्षा

बाइडन प्रशासन ने घरेलू उग्रवाद की समीक्षा करने का भी एलान किया है। यह कदम गत छह जनवरी को कैपिटल यानी संसद परिसर पर ट्रंप समर्थकों के हमले के मद्देनजर उठाया जा रहा है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन पाकी ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'कैपिटल पर छह जनवरी को हुआ हमला और उस दौरान हुई मौत व विध्वंस ने उस बात को रेखांकित किया, जिसे हम लंबे समय से जानते हैं। घरेलू हिंसक उग्रवाद का बढ़ना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।'

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