यूएस विदेश विभाग ने कहा, भारत-अमेरिकी साझेदारी में जसवंत सिंह ने निभाई थी अहम भूमिका

अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि प्रतिष्ठित पूर्व कैबिनेट मंत्री सांसद और सैनिक जसवंत सिंह को भारत-अमेरिकी साझेदारी में उनके योगदान के लिए याद किया जाएगा। जसवंत सिंह के निधन पर अमेरिकी विदेश विभाग ने ट्वीट किया है।

By Neel RajputEdited By: Publish:Tue, 29 Sep 2020 03:46 PM (IST) Updated:Tue, 29 Sep 2020 03:46 PM (IST)
यूएस विदेश विभाग ने कहा, भारत-अमेरिकी साझेदारी में जसवंत सिंह ने निभाई थी अहम भूमिका
अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि जसवंत सिंह को उनके योगदान के लिए हमेशा याद किया जाएगा।

वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका (America) ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह (Jaswant Singh) के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि भारत और अमेरिकी साझेदारी को प्रगाढ़ करने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। इसके लिए उन्हें याद किया जाएगा। जसवंत का लंबी बीमारी के बाद गत रविवार को निधन हो गया था। वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) के बेहद करीबी थे और उनकी सरकार में दिसंबर 1998 से दिसंबर 2002 तक विदेश मंत्री रहे थे।

अमेरिकी विदेश विभाग के दक्षिण और मध्य एशिया ब्यूरो ने एक ट्वीट में कहा, 'प्रतिष्ठित पूर्व कैबिनेट मंत्री, सांसद और सैनिक जसवंत सिंह को भारत-अमेरिकी साझेदारी में उनके योगदान के लिए याद किया जाएगा। हमारी गहरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं।' जबकि पूर्व अमेरिकी राजनयिक स्ट्रोब टालबोट ने कहा कि जसवंत सिंह असाधारण और बहुत काबिल नेता थे। स्ट्रोब 1994 से 2001 तक अमेरिका के उप विदेशमंत्री थे। 1998 में परमाणु परीक्षण के बाद अमेरिका की ओर से लगाए गए प्रतिबंध मामले में जसवंत सिंह के साथ बातचीत में स्ट्रोब मुख्य अमेरिकी वार्ताकार थे।

गौरतलब है कि पूर्व रक्षा मंत्री और भाजपा नेता जसवंत सिंह का रविवार को कार्डिएक अरेस्ट (Cardiac Arrest) की वजह से निधन हो गया था। 82 वर्षीय जसवंत सिंह पिछले छह साल से कोमा में थे। उन्हें 25 जून को आर्मी अस्पताल भर्ती कराया गया था। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तामाम नेताओं नें दुख व्यक्त किया है।

4 बार लोकसभा और 5 बार राज्यसभा सदस्य रहे

जसवंत सिंह भारत के उन नेताओं में शामिल हैं जो सबसे लंबे समय तक सेवारत सांसद रहे। उनके पास 1980 या 2014 के बीच लगातार दोनों सदनों में से किसी एक में सदस्यता रही है। वह भाजपा के टिकट पर पांच बार राज्यसभा (1980, 1986, 1998, 1999, 2004) और चार बार लोकसभा (1990, 1991, 1996, 2009) के लिए चुने गए।

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