अश्वेत लोगों की अमेरिकी सरकार के प्रति गुस्से की मूल वजहें कहीं ये तो नहीं

अमेरिका में रह रहे श्वेत और अश्वेत लोगों के बीच तमाम चीजों को लेकर बहुत बड़ा अंतर है। अमेरिका में हुए आंदोलन की एक वजह इस बड़े अंतर को भी माना जा रहा है।

By Vinay TiwariEdited By: Publish:Thu, 04 Jun 2020 04:26 PM (IST) Updated:Fri, 05 Jun 2020 08:02 AM (IST)
अश्वेत लोगों की अमेरिकी सरकार के प्रति गुस्से की मूल वजहें कहीं ये तो नहीं
अश्वेत लोगों की अमेरिकी सरकार के प्रति गुस्से की मूल वजहें कहीं ये तो नहीं

नई दिल्ली। अमेरिका की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं, अभी कोरोना वायरस से सबसे अधिक मौतों का तमगा लिए अमेरिका उससे निपटने के उपाय सोच रहा है। तमाम टीमें इसके टीके की तलाश में लगी हुई हैं मगर कामयाबी किसी को नहीं मिली है। इस बीच अमेरिका में एक अश्वेत की मौत ने पूरे अमेरिका को हिलाकर रख दिया है। इससे अमेरिकी प्रशासन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि भी खराब हो गई है। 

अश्वेत के मारे जाने पर अमेरिकियों ने जिस तरह से सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया उससे पूरे अमेरिका में हाहाकार मच गया। ये प्रदर्शनकारी जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ट ट्रंप के व्हाइट हाउस तक प्रदर्शन करते हुए पहुंच गए तो हालात और भी खराब हो गए। एक समय ऐसा भी आया कि राष्ट्रपति ट्रंप को व्हाइट हाउस के अंदर बंकर में छिपाया गया। सुरक्षा कर्मियों के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा बहुत जरूरी थी, राष्ट्रपति को सुरक्षित करने के बाद सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को किसी तरह से वहां से हटाया। 

अमेरिका में हिंसा की ये हैं असली वजहे अमेरिका में श्वेत पुलिस अधिकारी के हाथों अश्वेत की पुलिस हिरासत में मौत के बाद भड़की हिंसा ने देश के सामने दोहरी चुनौती खड़ी कर दी है। जॉर्ज फ्लायड की मौत के बाद अमेरिका के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन भड़क उठे और इसने हिंसक रूप ले लिया है। इन विरोध प्रदर्शनों ने अमेरिका में पिछले काफी समय से चली आ रही नस्लीय हिंसा को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। 

जानिए कौन थे जॉर्ज फ्लॉयड (George Floyd) 

46 साल के अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड अफ्रीकी अमेरिकी समुदाय के थे। वह नॉर्थ कैरोलिना में पैदा हुए थे और टेक्सास के ह्यूस्टन में रहते थे। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वह काम खोजने के लिए कई साल पहले मिनियापोलिस चले गए थे। जॉर्ज मिनियापोलिस के एक रेस्त्रां में सुरक्षा गार्ड का काम करते थे और उसी रेस्त्रां के मालिक के घर पर किराया देकर पांच साल से रहते थे। 

वह छह साल की बेटी के पिता थे, जो ह्यूस्टन में अपनी मां रॉक्सी वाशिंगटन के साथ रहती है। जॉर्ज को 'बिग फ्लॉयड' के नाम से जाना जाता था। जॉर्ज को मिनियापोलिस शहर काफी पसंद था। फ्लॉयड एक एथलीट थे, जो विशेष रूप से स्कूल में फुटबॉल और बास्केटबॉल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते थे। फ्लॉयड के पूर्व सहपाठियों में से एक, डोननेल कूपर ने कहा कि उनका शांत व्यक्तित्व था।

कहां से शुरू हुआ बवाल 

जॉर्ज फ्लॉयड को एक दुकान में नकली बिल का इस्तेमाल करने के संदेह में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस के मुताबिक, जॉर्ज पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने 20 डॉलर (करीब 1500 रुपये) के फर्जी नोट के जरिए एक दुकान से खरीदारी की कोशिश की। इसके बाद एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें पुलिस अधिकारी को घुटने से आठ मिनट तक जॉर्ज फ्लॉयड की गर्दन दबाते हुए देखा गया। वीडियो में जॉर्ज कहते हुए सुना जा सकता है कि मैं सांस नहीं ले सकता (आई कांट ब्रीद)। बाद में फ्लॉयड की चोटों के कारण मौत हो गई। 

हालिया आंकड़े बताते हैं कि आर्थिक समृद्धि के बावजूद श्वेत-अश्वेत के मध्य धन, स्वास्थ्य सहित अन्य कई मामलों में असमानता लगातार बढ़ी है। आइए जानते हैं कि अमेरिका में अश्वेत लोगों के सरकार के प्रति गुस्से की मूल वजहों की जड़े कहीं इन आंकड़ों में तो नहीं छिपी हैं। छह चार्ट में जानिए अमेरिका में श्वेत-अश्वेत के बीच की खाई।   

 अमेरिकी जनगणना ब्यूरो 2018 के अनुसार अमेरिका में श्वेत और अश्वेत अमेरिकियों के बीच प्रति व्यक्ति आय में भी काफी अंतर है। श्वेत अमेरिकी जहां 53.54 फीसद की आबादी वाले प्रति व्यक्ति लाख रूपये की इनकम पाते हैं वहीं दूसरी ओर 30.91 फीसद आबादी वाले अश्वेत अमेरिकियों की प्रति व्यक्त एक लाख रूपये है।  

अमेरिकी जनगणना ब्यूरो 2018 के अनुसार अश्वेत और श्वेत लोगों में बेरोजगारी, गरीबी और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर भी काफी फर्क है। आंकड़ों को देखने से दोनों के बीच का अंतर समझा जा सकता है। 

यदि अमेरिका में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या की बात करें तो ये भी कम नहीं है। अमेरिका में कोरोनावायरस की चपेट में आने से मरने वालों की सबसे अधिक संख्या अश्वेत लोगों की है। अमेरिका में अश्वेतों की जनसंख्या मात्र 13 फीसदी है, इसमें से भी कोरोनावायरस की चपेट में आने से लोगों की मौत हो गई है। 

कंज्यूमर फाइनेंस का फेडरल रिजर्व सर्वे 2016 के अनुसार अमेरिका में श्वेत और अश्वेत करोड़पतियों के बीच भी काफी बड़ा अंतर है। अमेरिका में अश्वेत लोगों की आबादी भी काफी कम है उसके बाद करोड़पतियों की संख्या भी काफी कम है। 

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