Uighur Muslims in China : चीनी सरकार ने मेघा को चुप कराने की कोशिश की थी, चीन सरकार ने रद किया था वीजा

भारतीय मूल के नील बेदी ने अमेरिका के फ्लोरिडा में अधिकारियों की उस पहल पर खोजी रिपोर्टिग की थी जिसमें उन लोगों की पहचान के लिए कंप्यूटर आधारित माडल का इस्तेमाल किया गया था जिन पर भावी समय में कोई अपराध करने का संदेह था।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 05:54 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 10:20 PM (IST)
Uighur Muslims in China : चीनी सरकार ने मेघा को चुप कराने की कोशिश की थी, चीन सरकार ने रद किया था वीजा
चीनी सरकार ने मेघा को चुप कराने की कोशिश की थी। फाइल फोटो।

न्यूयॉर्क,एजेंसी। भारतीय मूल की पत्रकार मेघा राजगोपालन ने पुलित्जर अवार्ड जीता है। उन्होंने दुनिया के सामने चीन के हिरासत केंद्रों की सच्चाई को उजागर किया था। चीन के शिनजियांग प्रांत में बने इन केंद्रों में लाखों उइगर मुस्लिमों को कैद कर रखा गया है। मेघा के अलावा भारतीय मूल के नील बेदी को भी इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

चीन सरकार ने रद किया था वीजा

इंटरनेट मीडिया बजफीड न्यूज ने बताया कि वर्ष 2017 में मेघा ने पहली बार एक हिरासत केंद्र का तब दौरा किया था, जब चीन ने इस तरह की जगह होने से इन्कार किया था। वहां की सरकार ने मेघा को चुप कराने की कोशिश की थी। उनका वीजा रद कर दिया था और देश से निकाल दिया था। हालांकि लंदन से काम करने वाली मेघा ने चुप रहने से इन्कार कर दिया और चीन का सच दुनिया के सामने लाने के लिए काम किया। पुरस्कार जीतने के बाद मेघा ने कहा, 'मुझे पुरस्कार जीतने की कोई उम्मीद नहीं थी। मैं अपने सहयोगियों के प्रति आभारी हूं।'मेघा ने इंटरनेशनल रिपोर्टिग श्रेणी में यह पुरस्कार जीता है। उन्होंने दो सहयोगियों के साथ मिलकर सैटेलाइट तस्वीरों के जरिये यह उजागर किया कि चीन ने किस तरह लाखों उइगरों को हिरासत केंद्रों में रखा है। मेघा ने इस पुरस्कार को बजफीड न्यूज के दो सहकर्मियों के साथ साझा किया है।

भारतवंशी नील ने भी जीता पुरस्कार

भारतीय मूल के नील बेदी ने अमेरिका के फ्लोरिडा में अधिकारियों की उस पहल पर खोजी रिपोर्टिग की थी, जिसमें उन लोगों की पहचान के लिए कंप्यूटर आधारित माडल का इस्तेमाल किया गया था, जिन पर भावी समय में कोई अपराध करने का संदेह था। बेदी टंपा बे टाइम्स के खोजी पत्रकार हैं। बेदी के साथ कैथलीन मैकग्रोरी ने स्थानीय श्रेणी में यह पुरस्कार जीता है।

रायटर और न्यूयार्क टाइम्स को भी पुलित्जर

कोरोना महामारी और अमेरिकी पुलिस में नस्ली असमानता पर अपनी रिपोर्टिग के लिए रायटर, न्यूयार्क टाइम्स, द अटलांटिक और द मिनियापोलिस स्टार ट्रिब्यून को भी पुलित्जर पुरस्कार प्रदान किया गया। इन पुरस्कार का एलान शुक्रवार को किया गया। अमेरिका में गत वर्ष मई में अश्वेत व्यक्ति जार्ज फ्लायड की पुलिस के हाथों हत्या की कवरेज के लिए द मिनियापोलिस स्टार ट्रिब्यून को यह पुरस्कार प्रदान किया गया।

1917 से दिया जा रहा यह अवार्ड पुलित्जर

पुरस्कार हर साल 21 श्रेणियों में दिए जाते हैं। प्रत्येक विजेता को प्रमाणपत्र के साथ 15 हजार डॉलर (करीब 11 लाख रुपये) दिए जाते हैं। अमेरिकी पत्रकारिता में पुलित्जर सर्वाधिक प्रतिष्ठित पुरस्कार है। यह पुरस्कार 1917 से प्रदान किया जा रहा है।

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