भारतवंशी अमेरिकी डॉक्टर ने समय से लॉकडाउन के फैसले को सराहा
डॉक्टर बोले इससे कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या को कम करने में मदद मिली।
वाशिंगटन, प्रेट्र। भारत में समय से लॉकडाउन करने के फैसले को भारतीय मूल के अमेरिकी कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. इंद्रनील बसु रे ने सराहा है। उन्होंने कहा है कि ऐसा करने से कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या को भी काफी कम करने में मदद मिली है। भारत में संक्रमित मरीजों की संख्या जहां एक लाख नब्बे हजार से ज्यादा है वहीं मरने वालों की तादाद लगभग साढ़े पांच हजार है। संक्रमित मरीजों के मामले में अमेरिका, ब्राजील, रूस, ब्रिटेन, स्पेन और इटली के बाद भारत सातवें नंबर पर पहुंच गया है।
टेनेसी स्थित डॉ. बसु ने कहा, 'कोलंबिया विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में कहा गया है कि नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा समय से लॉकडाउन करने से भारत में कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या काफी कम रही है।' इस अध्ययन से यह भी पता चला है कि अगर न्यूयॉर्क में तीन मार्च से पहले लॉकडाउन कर दिया जाता तो लगभग पचास हजार लोगों की जान बचाई जा सकती थी।
उन्होंने कहा कि भारत में उन इलाकों को सबसे पहले खोला जाना चाहिए जो हॉटस्पॉट नहीं हैं। हॉटस्पॉट में लॉकडाउन बरकरार रखने के साथ ही संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए आइसोलेशन के साथ टेस्टिंग में और तेजी लाई जाए। डॉ. बसु के मुताबिक, वैज्ञानिक दिशानिर्देशों का पालन करना आवश्यक है, लेकिन वित्तीय आपदा कम करने के लिए अर्थव्यवस्था को खोलना भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि कोरोना के बारे में हमारी जानकारी काफी हद तक बदल गई है। कोरोना एक नई बीमारी थी और शुरुआत में हम इसके बारे में बहुत नहीं जानते थे। शारीरिक दूरी बनाए रखने, लगातार हाथ धोते रहने, भीड़भाड़ वाले स्थानों पर मास्क पहनने से हम इसके संक्रमण से बच सकते हैं।