पूर्वी पाकिस्तान में नरसंहार से भारत ने की थी लाखों शरणार्थियों की रक्षा : तिरुमूर्ति

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि तिरुमूर्ति ने शरणार्थियों को लेकर देश की नीति पर दिया बयान। कहा-हम ऐसी नीतियां नहीं बना सकते जिसमें लोग एक देश में प्रताडि़त हों और दूसरे देश में उन्हें शरणार्थी बनाना हो।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 05:58 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 05:58 PM (IST)
पूर्वी पाकिस्तान में नरसंहार से भारत ने की थी लाखों शरणार्थियों की रक्षा : तिरुमूर्ति
पूर्वी पाकिस्तान में नरसंहार से भारत ने की थी लाखों शरणार्थियों की रक्षा : तिरुमूर्ति

न्यूयार्क, एएनआइ।  संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने शरणार्थियों के मानवाधिकार संरक्षण के लिए प्रतिबद्धता जताते हुए कहा जब पश्चिमी पाकिस्तान ने पूर्वी पाकिस्तान में नरसंहार शुरू किया तो भारत ने लाखों शरणार्थियों को अपने देश में शरण दी और तब जारी नरसंहार से उनकी रक्षा की।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शरणार्थियों के संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) की ओर से तिरुमूर्ति ने कहा कि सशस्त्र संघर्ष रोकने, आतंकवाद की रोकथाम और स्थायी शांति की स्थापना से लोगों को अपने देश को छोड़ने को विवश नहीं होना पड़ेगा। हम सरकारी स्तर पर ऐसी नीतियां नहीं बना सकते जहां उन्हें एक देश में प्रताडि़त किया जाए और फिर दूसरे देश में उनको शरणार्थी बनाने का प्रबंध हो। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर किसी देश की संप्रभुता की अवधारणा को कम नहीं आंकना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई उस अवधारणा के दायरे में ही हो।

राजदूत तिरुमूर्ति ने कहा कि समकालीन इतिहास में भारत के सत्कार में कोई कमी नहीं रही है। पड़ोसी देशों के शरणार्थियों की मदद करने के मामले में भारत का बेहतरीन रिकार्ड है। फिर चाहे वह तिब्बती हों, या बांग्लादेश, श्रीलंका, अफगानिस्तान और म्यांमार के हमारे भाई-बहन हों। भारत ने इस विषय में हमेशा पूरी सहृदयता से काम लिया है।

उन्होंने बताया कि इतिहास साक्षी है कि भारत ने हमेशा उन लोगों को शरण दी है जो विदेशी भूमि में सताए गए हैं। शरणार्थियों के मुद्दों पर भारत का रुख हमेशा मानवीय रहा है। हमने सदियों पहले सताए गए यहूदियों और पारसियों को शरण दी। उन्हें भारत में अपना घर मिला। अब उनकी संस्कृति हमारी संस्कृति में रच बस गई है। भारतीय राजदूत ने कहा कि मौजूदा समय में भारत लाखों शरणार्थियों का घर है। साथ ही यह देश अपने ही संसाधनों से उनकी देखरेख कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत चाहता है कि अब इन शरणार्थियों को अपने देश में सम्मानजनक, सुरक्षित और सतत वापसी मिले।

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