विदेशों में रहते हैं भारत के 1.80 करोड़ लोग- अमेरिका, यूएई और सऊदी सबसे अधिक पसंद

आप्रवासी भारतीयों की भारी तादाद वाले अन्य देशों में आस्ट्रेलिया कनाडा कुवैत ओमान पाकिस्तान कतर और ब्रिटेन हैं। चीन और रूस में भारतीय आप्रवासियों की मौजूदगी है। वर्ष 2000 से 2020 के बीच आप्रवासी भारतीयों की आबादी बड़े पैमाने पर है।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 11:31 AM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 01:58 PM (IST)
विदेशों में रहते हैं भारत के 1.80 करोड़ लोग- अमेरिका, यूएई और सऊदी सबसे अधिक पसंद
पूरी दुनिया में आप्रवासी भारतीयों की तादाद 1.80 करोड़ हो चुकी है।

संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र। विदेशों में रहने के मामले में भारत दुनियाभर में पहले पायदान पर पहुंच गया है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2020 में देश से बाहर रहने वाले लोगों की संख्या 18 मिलियन यानी एक करोड़ अस्सी लाख है। भारत के सबसे ज्यादा लोग संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), अमेरिका और सऊदी अरब में रहते हैं।

संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग (यूएन-डीईएसए) के जनसंख्या खंड की जारी रिपोर्ट 'इंटरनेशनल माइग्रेशन 2020 हाईलाइट्स' में कहा गया, 'अंतरराष्ट्रीय आबादी का पलायन बहुत अलग होता है। दुनिया में सबसे ज्यादा प्रवासी भारतीय हैं और वे कई देशों में रह रहे हैं।' वर्ष 2020 की बात करें तो भारत के एक करोड़ अस्सी लाख लोग दूसरे देशों में रह रहे थे। भारत के बाद मेक्सिको और रूस (दोनों 1.1 करोड़), चीन (एक करोड़) और सीरिया (80 लाख) के लोग दूसरे देशों में रहते हैं। दूसरे देशों में रह रहे भारतीयों की सबसे बड़ी आबादी संयुक्त अरब अमीरात (35 लाख), अमेरिका (27 लाख), सऊदी अरब (25 लाख) में रहती है। रिपोर्ट में कहा गया कि ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, कुवैत, ओमान, पाकिस्तान, कतर और ब्रिटेन में भी प्रवासी भारतीयों की अच्छी खासी आबादी है।

एक करोड़ लोग देश छोड़कर विदेशों में बसे

रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2000 के मुकाबले 2020 में विदेशों में प्रवासी आबादी में तेजी से बढ़ोतरी हुई है और दुनिया के सभी देशों और क्षेत्रों में इसमें बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इस अवधि के दौरान भारत के 10 मिलियन (एक करोड़) लोग देश छोड़कर विदेशों में बस गए हैं। इसके बाद सबसे ज्यादा सीरिया, वेनेजुएला, चीन और फिलीपींस के लोग अपना देश छोड़कर विदेशों में बस गए हैं।

प्रवासियों की पहली पंसद अमेरिका

अमेरिका 2020 तक 51 मिलियन (पांच करोड़ 10 लाख) प्रवासियों के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पूरी दुनिया के लोगों के लिए पहली पसंद बनकर उभरा है। अमेरिका में रहने वाले प्रवासी दुनियाभर में रहने वाले प्रवासियों की संख्या का 18 फीसद के बराबर है। जर्मनी दुनियाभर में प्रवासियों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या (16 मिलियन) वाला देश बनकर उभरा है। वहीं सऊदी अरब (13 मिलियन), रूस (12 मिलियन), और ब्रिटेन (9 मिलियन) प्रवासी रह रहे हैं। 2020 में अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों के शीर्ष 20 गंतव्य देशों में से सभी तीन उच्च आय वाले और तीन उच्च मध्यम आय वाले देश हैं।

कोरोना से दूसरे देशों में बसने की रफ्तार में आई कमी

रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते वर्ष कोरोना वायरस की महामारी के चलते लोगों के दूसरे देशों में जाकर बसने की रफ्तार में कमी आई है। महामारी के दौरान इसमें 27 फीसद की कमी आई है। रिपोर्ट के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों की संख्या में वृद्धि पिछले दो दशकों में सबसे ज्यादा रही है। वर्ष 2020 में अपने देशों से बाहर रहने वाले लोगों की संख्या 281 मिलियन तक पहुंच गई है। वर्ष 2000 में यह संख्या 173 मिलियन थी। जबकि 2010 में यह संख्या 221 मिलियन थी।

179 देशों में बढ़े प्रवासी

वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों की संख्या विश्व की कुल आबादी का 3.6 फीसद है। वर्ष 2000 से 2020 के दौरान 179 देशों और क्षेत्रों में प्रवासियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। जर्मनी, स्पेन, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका में हुआ है। वहीं इसी दौरान 53 देशों और क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों की संख्या घटी है। आर्मेनिया, भारत, पाकिस्तान, यूक्रेन और तंजानिया शामिल हैं।

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