वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बोलीं- भारत ने कोरोना संकट से निपटने के लिए दृढ़ता के साथ किया कार्य

मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत ने दृढ़ता के साथ कोविड संकट का सामना किया है। साथ ही कहा कि महामारी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत ने प्रमुख भूमिका निभाई है। संकट काल में सरकार द्वारा उठाए गए उपायों ने देश के सतत आर्थिक विकास को मजबूत किया।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 02:29 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 02:29 PM (IST)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बोलीं- भारत ने कोरोना संकट से निपटने के लिए दृढ़ता के साथ किया कार्य
वित्त मंत्री सीतारमण बोलीं- भारत ने कोरोना संकट से निपटने के लिए दृढ़ता के साथ किया कार्य

वाशिंगटन, पीटीआइ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत ने दृढ़ता के साथ कोविड संकट का सामना किया है। साथ ही कहा कि महामारी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत ने प्रमुख भूमिका निभाई है। संकट काल में सरकार द्वारा उठाए गए उपायों ने देश के सतत आर्थिक विकास की एक मजबूत नींव रखी है।

संकट को एक अवसर में तब्दील करने में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका

भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार की ओर इशारा करते हुए, सीतारमण ने विश्व बैंक की विकास समिति को अपने संबोधन में कहा कि मोदी सरकार ने आर्थिक राहत के उपाय करने के अलावा, संकट को एक अवसर में बदलने के लिए महत्वपूर्ण संरचनात्मक सुधार भी किए हैं।

इसके साथ ही वित्त मंत्री ने कहा कि संकट काल में भारत ने भी एक प्रमुख भूमिका निभाई है और वैश्विक कोरोना प्रयास पर सही मायने में बात की है'। उन्होंने कहा कि भारत का विशाल वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम, जिसके तहत दुनियाभर के 95 देशों को कोरोना वायरस टीकों की 66.3 मिलियन से अधिक खुराक का निर्यात किया गया था। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि भारत अक्टूबर 2021 में वैक्सीन निर्यात फिर से शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

बता दें कि केंद्रीय वित्त और कारपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने आईएमएफ-वल्र्ड बैंक वार्षिक बैठक से इतर 13 अक्टूबर को वाशिंगटन डीसी में आयोजित जी20 के वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक गवर्नर्स (एफएमसीबीजी) की चौथी बैठक में भाग लिया था। बैठक में वैश्विक आर्थिक सुधार, कमजोर देशों को महामारी समर्थन, वैश्विक स्वास्थ्य, जलवायु कार्रवाई, अंतर्राष्ट्रीय कराधान और वित्तीय क्षेत्र के मुद्दों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा और समझौतों पर चर्चा की गई थी।

महामारी से निरंतर रिकवरी के लिए, जी20 के वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक के गवर्नरों ने वित्तीय स्थिरता और दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता को बनाए रखते हुए, और नकारात्मक जोखिमों से निपटने के लिए बातचीत की गई।

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