संयुक्त राष्ट्र में बोला भारत- इजरायल और फिलिस्तीन एक तरफा कार्रवाई से बचें
संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि राजदूत के. नागराज नायडू ने कहा कि इजरायल-फलस्तीन मुद्दे का हल दोनों राष्ट्र मिलकर खुद ही कर सकते हैं और दोनों पक्षों को सीधी बातचीत के जरिए मुद्दे का समाधान करना चाहिए।
न्यूयॉर्क, प्रेट्र। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कहा है कि इजरायल और फिलिस्तीन को शांति बनाए रखने के लिए एक दूसरे से वार्ता का रास्ता ही अपनााना चाहिए। उसी से सभी मुद्दों पर हल निकलेगा। साथ ही दोनों को एक तरफा कार्रवाई से बचना चाहिए। भारत के संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में उप स्थाई प्रतिनिधि के नागराज नायडू ने शुक्रवार को इजरायल और फिलिस्तीन से संबंधित बैठक में कहा कि हमारा मानना है कि मुद्दों का समाधान और शांति दो पक्षों के बीच आपसी वार्ता से ही हो सकती है।
इजरायल और फिलिस्तीन की जनता भी यही चाहते हैं। एक तरफा कार्रवाई से मामले उलझते हैं और मुद्दों से ध्यान बंटता है। नायडू ने कहा कि भारत इस बात की प्रशंसा करता है कि फिलिस्तीन में चुनाव की ओर बढ़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र में भारत ने इस बात पर चिंता जताई कि स्वास्थ्य ढांचा ठीक न होने के कारण गाजा पट्टी की जनता पर कोरोना का प्रभाव ज्यादा हो रहा है। ऐसे में गाजा सहित फिलिस्तीन की जनता को तत्काल वैक्सीन उपलब्ध करानी चाहिए। महामारी पर काबू पाने के लिए यह जरूरी है कि वैक्सीन की उपलब्धता हर स्थान पर समान हो।
नायडू ने रुकी हुई शांति वार्ता को पुनर्जीवित करने के लिए हालिया कूटनीतिक प्रयासों को उत्साहजनक करार दिया और कहा कि 'क्वॉर्टेट' (पश्चिम एशिया में शांति स्थापना के लिए लगी चार प्रमुख शक्तियां) के विशेष राजदूत की बैठकें समय पर हुई हैं। भारत ने 'क्वॉर्टेट' से इजरायल और फलस्तीनी नेतृत्व के साथ बातचीत शुरु करने को कहा है।
नायडू ने कहा कि भारत उन सभी प्रयासों का स्वागत करता है, जिसका उद्देश्य अंतररष्ट्रीय समुदाय की सामूहिक प्रतिबद्धता को मजबूत करना है ताकि सीधी बातचीत फिर से शुरू हो और शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके।' पश्चिम एशिया में शांति के लिए विशेष समन्वयक और महासचिव के निजी प्रतिनिधि टूर वेन्नेसलैंड ने परिषद की बैठक में कहा कि वैश्विक समुदाय की तवज्जो पक्षों को बातचीत की मेज पर वापस लाने में मदद करने की है।