यूएस रिपोर्ट में दावा, हाईपरसोनिक मिसाइल तैयार करने वाले कुछ देशों में भारत भी शामिल

अमेरिका की कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस की नई रिपोर्ट इसी सप्ताह आई है। इसके मुताबिक अमेरिका रूस और चीन ही अभी एडवांस्ड हाइपरसोनिक मिसाइल प्रोग्राम पर आगे बढ़ रहे हैं लेकिन कई देश आस्ट्रेलिया भारत फ्रांस जर्मनी और जापान भी हाईपरसोनिक वेपन टेक्नोलाजी को विकसित करने लगे हैं।

By Neel RajputEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 10:19 AM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 10:19 AM (IST)
यूएस रिपोर्ट में दावा, हाईपरसोनिक मिसाइल तैयार करने वाले कुछ देशों में भारत भी शामिल
हाल ही में ये खबरें आई हैं कि चीन ने परमाणु क्षमता से लैस एक हाईपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया

वाशिंगटन, पीटीआई। अमेरिका की एक रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल है जो हाईपरसोनिक हथियार तैयार कर रहे हैं। यह रिपोर्ट ऐसे समय में सामने आई है जब हाल ही में ये खबरें आई हैं कि चीन ने परमाणु क्षमता से लैस एक हाईपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया है। इसमें कहा गया है कि इस मिसालइल ने टारगेट हिट करने से पहले पूरी धरती का चक्कर लगाया। इस मिसाइल ने हर आधुनिक अंतरिक्ष क्षमता का प्रदर्शन किया और अमेरिकी खुफिया एंजेंसियां भी हैरान रह गईं।

अमेरिका की कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस की नई रिपोर्ट इसी सप्ताह आई है। इसके मुताबिक, अमेरिका, रूस और चीन ही अभी एडवांस्ड हाईपरसोनिक मिसाइल प्रोग्राम पर आगे बढ़ रहे हैं लेकिन कई देश जैसे आस्ट्रेलिया, भारत, फ्रांस, जर्मनी और जापान शामिल हैं, वो भी हाईपरसोनिक वेपन टेक्नोलाजी को विकसित करने लगे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां आस्ट्रेलिया ने अमेरिका के साथ हाथ मिलाया है तो वहीं, भारत, रूस के साथ इस टेक्नोलाजी पर आगे बढ़ रहा है।

रिपोर्ट में ब्रह्मोस मिसाइल का भी जिक्र किया गया है। इसके मुताबिक, भारत ब्रह्मोस II के डेवलपमेंट पर रूस के साथ आगे बढ़ रहा है। यह मैक 7 की स्पीड वाली हाईपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि शुरुआत में ब्रह्मोस II को साल 2017 में तैनात करने का मन बनाया था, लेकिन कुछ ऐसी रिपोर्ट्स आई हैं, जिनसे संकेत मिलता है कि इस प्रोग्राम में देरी हो रही है और अब भारत ने साल 2025 और 2028 में इसे आपरेशनल करने का मन बनाया है।

रिपोर्ट में कहा गया कि खास बात ये है कि भारत अब पूरी तरह से देश में बनी दोहरी क्षमता वाली हाईपरसोनिक क्रूज मिसाइल को हाईपरसोनिक टेक्नोलाजी डेमानस्ट्रेटर व्हीकल प्रोग्राम के तहत विकसित कर रहा है। 2019 के जून महीने और साल 2020 के सितंबर महीने में सफलतापूर्वक मैक 6 स्पीड वाला स्क्रैनजेट परीक्षण किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत तकरीबन 12 हाईपरसोनिक विंड टनल्स को आपरेट कर रहा है। उसके पास मैक 13 से अधिक की स्पीड को भी टेस्ट करने की क्षमता है।

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