एच1बी वीजा धारकों के जीवनसाथियों को काम की मंजूरी दिलाने के समर्थन में गूगल
-अमेरिकी कंपनी ने 30 से अधिक कंपनियों के नेतृत्व में मांगा एच-4 वीजा धारकों के काम का अधिकार इस मामले में एक लाख से अधिक भारतीय परिवारों को लाभ होगा इस दायरे में आती हैं 90 फीसद महिलाएं
वाशिंगटन, एजेंसियां। गूगल एच1बी वीजा धारकों के जीवनसाथियों को अमेरिका में काम करने की मंजूरी दिलाने से संबंधित एक कार्यक्रम में मदद के लिए शीर्ष अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनियों के प्रयासों का नेतृत्व कर रही है। एच1बी वीजा की भारतीय आईटी पेशेवरों में काफी मांग है। अमेरिकी सॉफ्टवेयर कंपनियों की अगुआई करते हुए गूगल ने भारतीय आइटी प्रोफेशनलों की मांग को ध्यान में रखते हुए एच-1बी वीजा पाने वाले विदेशी कर्मचारियों की पत्नी या पति को अमेरिका में काम करने की छूट बहाल करने की अपील की है। गूगल ने एपल, अमेजन, ट्विटर और माइक्रोसाफ्ट समेत अमेरिका की 30 अन्य आइटी कंपनियों की ओर से एक कानूनी नोटिस जारी करते हुए 'एच-4 ईएडी' वीजा वालों को भी अमेरिका में काम करने की छूट मांगी है। इस मामले में गूगल के सहयोग से एक लाख से अधिक भारतीय परिवारों को लाभ होगा।
शुक्रवार को गूगल ने एक कानूनी मामला दायर किया। इस मामले को 'सेव जॉब्स यूएसए वर्सेज यूएस डिपार्टमेंट आफ होमलैंड सिक्योरिटी' मामले में गूगल के साथ एडोब, ईबे, आइबीएम, इनटेल, पेपल जैसी कंपनियां भी शामिल हुई । गूगल ने इसमें 30 से अधिक अमेरिकी कंपनियों के साथ मिलकर एच-4 ईएडी (एम्प्लाइमेंट आर्थराइजेशन डाक्यूमेंट) प्रोग्राम का समर्थन किया है। एच-4 वीजा अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवाओं (यूएससीआइएस) की ओर से एन-1बी वीजा धारक के परिवार के सदस्यों (पत्नी और 21 साल से कम उम्र के बच्चों) को दिया जाता है। एच-1बी वीजा एक गैर आव्रजक वीजा है जिसमें अमेरिकी कंपनियां विदेशी कर्मचारियों को उनकी तकनीकी विशेषज्ञता के कारण काम पर रखती हैं।
गूगल के सीईओ और अमेरिकी भारतीय सुंदर पिचई ने ट्वीट कर कहा, 'गूगल अपने देश के नागरिकों का समर्थन करने में गौरव का अनुभव करता है। हमने ऐसे परिवारों का समर्थन करने वाले अन्य तीस कंपनियों के एच-4 ईएडी प्रोग्राम का समर्थन करने का फैसला लिया है। ताकि रचनात्मक नौकरियां और अवसर बढ़े और इन परिवारों की मदद हो।'