गांधी के विचारों को बढ़ावा देने पर कानून, अमेरिकी संसद में होगी चर्चा

अहिंसा पर अध्ययन के लिए भारत-अमेरिका का वैश्विक मंच तैयार होने की शुरुआत होने जा रही है। इस क्रम में अमेरिकी संसद में जल्‍द ही एक कानून पारित होने वाला हे जो गांधी के विचारों को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा।

By Monika MinalEdited By: Publish:Wed, 02 Dec 2020 02:47 PM (IST) Updated:Wed, 02 Dec 2020 03:21 PM (IST)
गांधी के विचारों को बढ़ावा देने पर कानून,  अमेरिकी संसद में होगी चर्चा
गांधी किंग एक्‍सचेंज एक्‍ट पर अमेरिकी संसद में चर्चा

वाशिंगटन,प्रेट्र। अमेरिका की संसद (US Senate) में गुरुवार को बहुप्रतीक्षित 'गांधी-किंग एक्सचेंज एक्ट' के पारित होने की संभावना है। महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर किंग जूनियर की विरासतों के प्रचार और अध्ययन के लिए यह एक्ट तैयार किया गया है। इसको नागरिक अधिकारों के पैरोकार सांसद जॉन लेविस (John Lewis) ने तैयार किया था। जिनकी पिछले वर्ष मृत्यु हो गई है।

अमेरिकी संसद में अब भारतीय मूल के सांसद डा.एमी बेरा इसके कानून बनने को लगातार पैरवी कर रहे हैं। एक्ट को संसद की विदेशी मामलों की समिति ने पूर्व में ही पारित कर दिया है। कानून बनने के लिए संसद में दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी। बहस के लिए चालीस मिनट का समय दिया गया है। एमी बेरा का कहना है, 'जॉन लेविस न केवल अमेरिका बल्कि दुनियाभर में नागरिक अधिकारों के नायक थे। वह सभी के लिए मानवाधिकार, समानता, न्याय तथा लोकतंत्र के लिए लड़े। गांधी और डॉ. किंग की तरह कांग्रेस सदस्य लेविस ने अहिंसा के अपने कामों के जरिए दुनिया को आकार दिया और उनकी जीवन गाथा पूरे इतिहास में गूंजेगी।'

कानून बनने के बाद भारत और अमेरिका की सरकार दोनों एक ऐसे वैश्विक मंच की स्थापना कर सकेंगे,जिसमें छात्रों को महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर किंग जूनियर के अहिंसा सिद्धांत पर अध्ययन करने की सुविधा मिलेगी। अधिनियम में भारत-अमेरिका गाधीं-किंग फाउंडेशन की स्थापना का भी प्रावधान है। मानवाधिकार, समानता, न्याय और लोकतंत्र के लिए यह कानून महत्वपूर्ण होगा।

इस बिल को तैयार करने वाले जॉन लेविस अमेरिका के राजनेता और नागरिक अधिकार कार्यकर्ता थे। उन्‍होंने अमेरिका समेत दुनिया भर में लोकतंत्र, मानवाधिकार, न्याय और समानता की आवाज बुलंद की। महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर किंग जूनियर से प्रेरित लेविस ने कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत की यात्रा की। इसके बाद ही महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर किंग जूनियर की दार्शनिकता को लागू करने के लिए गांधी-किंग एक्सचेंज एक्‍ट का निर्माण किया।

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