अमेरिका के पहले अश्वेत विदेश मंत्री कालिन पावेल का निधन, इराक पर हमले के थे बड़े पैरोकार

Colin Powell dies अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री और ज्वाइंट चीफ आफ स्टाफ के अध्यक्ष कालिन पावेल का 84 वर्ष की आयु में कोविड की जटिलताओं से निधन हो गया। उनके परिवार ने फेसबुक पर इस बारे में जानकारी दी।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 05:57 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 08:18 PM (IST)
अमेरिका के पहले अश्वेत विदेश मंत्री कालिन पावेल का निधन, इराक पर हमले के थे बड़े पैरोकार
अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री कालिन पावेल का 84 वर्ष की आयु में कोविड की जटिलताओं से निधन हो गया

वाशिंगटन, रायटर। अमेरिका के पहले अश्वेत विदेश मंत्री रहे कोलिन पावेल का कोरोना संक्रमण के चलते निधन हो गया है। उन्होंने कोरोना रोधी टीके की दोनों डोज लगवाई थीं। वह 84 साल के थे। जमैका के प्रवासी माता-पिता की संतान पावेल को तत्कालीन राष्ट्रपति जार्ज डब्ल्यू बुश ने 2001 में विदेश मंत्री बनाया था। विदेश मंत्री रहने के दौरान वे इराक पर हमले के बड़े पैरोकार के तौर पर उभरकर सामने आए थे।  उनके परिवार ने फेसबुक पर कहा कि पहले अश्वेत अमेरिकी विदेश मंत्री, जिनके कई रिपब्लिकन प्रशासनों में नेतृत्व ने 20वीं सदी के अंतिम वर्षों और 21वीं सदी के शुरुआती वर्षों में अमेरिकी विदेश नीति को आकार देने में मदद की। परिवार ने कहा कि हमने एक उल्लेखनीय और प्यार करने वाले पति, पिता, दादा और एक महान अमेरिकी को खो दिया है।

1991 में खाड़ी युद्ध के दौरान वह चार स्टार जनरल होने के नाते अमेरिकी सेना के ज्वाइंट चीफ आफ स्टाफ के चेयरमैन थे। उस समय बुश के पिता जार्ज एच.डब्ल्यू. बुश अमेरिका के राष्ट्रपति थे। पावेल ने 2003 में संयुक्त राष्ट्र में इराक के तत्कालीन राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन को विश्व के लिए खतरा बताया था। उसके बाद अमेरिका ने इराक पर हमला किया और सद्दाम हुसैन की सत्ता को उखाड़ फेंका था। बाद में सद्दाम हुसैन के खिलाफ उनके साक्ष्य सही नहीं पाए गए, जिससे उनकी छवि को धक्का लगा था।

पहले अश्वेत राष्ट्रपति बनने के थे दावेदार

पावेल के माता-पिता जमैका से अमेरिका आए थे। उनका जन्म 5 अप्रैल, 1937 को न्यूयॉर्क के हार्लेम में हुआ था। साउथ ब्रोंक्स में बड़े होने के बाद पावेल ने न्यूयार्क के सिटी कॉलेज में स्कूल स्तर की पढ़ाई की। इस दौरान उन्होंने आरओटीसी में भी भाग लिया। इसके अलावा उन्होंने सटीक ड्रिल टीम का नेतृत्व किया। उन्हें कैडेट कोर की ओर से उन्हें कर्नल रैंक भी दिया गया था। साल 1958 में ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने अमेरिकी आर्मी ज्वाइन कर लिया। इसके बाद उन्होंने साल 1960 के दशक के दौरान दक्षिण वियतनाम में भी सेवा दी।

इस दौरान वह दो बार घायल भी हो गए। उन्हें साल 1979 में ब्रिगेडियर जनरल के पद पर प्रमोशन दिया गया था। राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के कार्यकाल के अंत में पावेल को वियतनाम में युद्धक ड्यूटी से हटाकर पहला अश्वेत राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया। राष्ट्रपति जॉर्ज एच. बुश ने उन्हें पहले अश्वेत के रूप में ज्वाइंट चीफ आफ स्टाफ का अध्यक्ष नियुक्त किया।

खाड़ी युद्ध के दौरान अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन की जीत के बाद उनकी राष्ट्रीय लोकप्रियता बढ़ गई। 90 के दशक के मध्य में उन्हें अमेरिका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बनने के लिए एक प्रमुख दावेदार माना गया। लेकिन उनकी प्रतिष्ठा हमेशा के लिए खराब हो गई, जब जार्ज डब्लू बुश के विदेश मंत्री के रूप में उन्होंने इराक युद्ध की वकालत करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के सामने दोषपूर्ण खुफिया जानकारी को आगे बढ़ाया, जिसे बाद में उन्होंने अपने रिकार्ड पर धब्बा लगा दिया।

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