कोरोना से बचाव में कारगर हो सकता है फ्लू का टीका, पढ़ें- अध्ययन में सामने आईं बातें
अमेरिका की यूनिवर्सिटी आफ मियामी मिलर स्कूल आफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं के अनुसार फ्लू के खिलाफ टीका लगवाने वाले कोरोना मरीजों को आइसीयू में भर्ती करने की जरूरत भी कम पड़ती है। इंफ्लुएंजा वैक्सीन कोरोना पीडि़तों में इस खतरनाक वायरस के गंभीर प्रभावों से बचाव में कारगर हो सकती है।
वाशिंगटन, पीटीआइ। कोरोना वायरस (कोविड-19) से मुकाबले के लिए फ्लू के टीके को लेकर एक बड़े पैमाने पर अध्ययन किया गया है। इसका दावा है कि सालाना तौर पर लगने वाली यह इंफ्लुएंजा वैक्सीन कोरोना पीडि़तों में इस खतरनाक वायरस के गंभीर प्रभावों से बचाव में कारगर हो सकती है। यह वैक्सीन लगने से स्ट्रोक, सेप्सिस, रक्त का थक्का बनने समेत कई गंभीर प्रभावों का खतरा कम हो सकता है।
अमेरिका की यूनिवर्सिटी आफ मियामी मिलर स्कूल आफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं के अनुसार, फ्लू के खिलाफ टीका लगवाने वाले कोरोना मरीजों को आइसीयू में भर्ती करने की जरूरत भी कम पड़ती है। अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता और मिलर स्कूल के प्रोफेसर देविंदर सिंह ने कहा, 'दुनिया में अभी तक कोरोना के खिलाफ कम आबादी का टीकाकरण पूरा हो पाया है। ऐसे में वैश्विक समुदाय को इस वायरस से मुकाबले के लिए दूसरे समाधान तलाशने की जरूरत है।' उन्होंने बताया, 'मेरी टीम ने फ्लू टीके का संबंध पीडि़तों में कोरोना के गंभीर प्रभावों के खतरे में कमी से पाया है।'
पीएलओएस वन पत्रिका में गत तीन अगस्त को प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, यह निष्कर्ष अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, इटली, इजरायल और सिंगापुर के डाटा के विश्लेषण के आधार पर निकाला गया है। शोधकर्ताओं ने सात करोड़ से ज्यादा लोगों के डाटा में से 37 हजार 377 मरीजों के दो समूहों की पहचान की। इनमें से एक समूह के लोग कोरोना की चपेट में आने से दो हफ्ते से लेकर छह माह पहले तक फ्लू का टीका लगवा चुके थे। जबकि दूसरे समूह के लोग भी कोरोना से पीडि़त पाए गए, लेकिन उन्होंने फ्लू के खिलाफ टीका नहीं लगवाया था।