246 साल में पहली बार अमेरिकी सिख नौसैनिक को पगड़ी पहनने की इजाजत, इस भारतवंशी की अपील का असर
भारतवंशी सुखबीर की अपील पर नौसेना ने कुछ सीमाओं के साथ दी अनुमति। सुखबीर तूर की गुरुवार को सिख मत के अनुरूप सिर पर पगड़ी पहनने की इच्छा पूरी हो गई। नौसैनिक कोर के 246 साल के इतिहास में तूर पहले व्यक्ति हैं जिन्हें पगड़ी पहनने की अनुमति मिली है।
न्यूयार्क, प्रेट्र। अमेरिका निवासी 26 वर्षीय भारतवंशी सिख नौसैनिक अधिकारी को कुछ सीमाओं के साथ पगड़ी पहनने की इजाजत दी गई है। अमेरिकी नौसेना के 246 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। नौसैनिक ने पूर्ण धार्मिक आजादी की मांग की है और ऐसा नहीं होने पर वह कोर के खिलाफ मुकदमा करने का मन बना रहा है।
द न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, 'लगभग पांच साल से हर सुबह सुखबीर तूर अमेरिकी नौसैनिक कोर की वर्दी पहनते रहे हैं। गुरुवार को सिख मत के अनुरूप सिर पर पगड़ी पहनने की इच्छा भी पूरी हो गई।' रिपोर्ट में कहा गया है कि नौसैनिक कोर के 246 साल के इतिहास में तूर पहले व्यक्ति हैं, जिन्हें पगड़ी पहनने की अनुमति मिली है।
तूर ने एक साक्षात्कार में कहा, 'खुशी है कि मुझे मेरे विश्वास व देश में से किसी एक को चुनने की नौबत नहीं आई। मैं दोनों का सम्मान करता हूं।' तूर ने इस अधिकार को पाने के लिए काफी संघर्ष किया है। इस साल जब वह पदोन्नति पाकर कैप्टन बने तो उन्होंने अपील करने का फैसला किया था। रिपोर्ट के अनुसार, यह इतने लंबे समय तक चला अपने तरह का पहला मामला था।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले अमेरिकी सेना व वायुसेना में दाढ़ी रखने और पगड़ी पहनने के लिए भी सिख समुदाय के सैनिक लड़ाई लड़ चुके हैं। परिणामस्वरूप उन्हें इसकी इजाजत मिली और फिलहाल करीब 100 सिख दाढ़ी व पगड़ी के साथ अमेरिकी सेना व वायुसेना में सेवाएं दे रहे हैं।
सभी जगह पगड़ी पहनने की अनुमति के लिए तूर लड़ेंगे एक और लड़ाई
वाशिंगटन व ओहायो में पले-बढ़े भारतवंशी तूर को कुछ सीमाओं के साथ ड्यूटी पर पगड़ी पहनने की अनुमति मिली है। शर्त है कि वह सामान्य ड्यूटी के दौरान पगड़ी पहन सकते हैं, लेकिन युद्ध क्षेत्र में तैनात होने पर इसकी इजाजत नहीं होगी। द न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि तूर ने मरीन कोर कमांडेंट के प्रतिबंधात्मक निर्णय के खिलाफ अपील की है। तूर का कहना है कि अगर उन्हें सभी जगह पगड़ी पहनने की अनुमति नहीं मिली तो वह कोर के विरुद्ध मुकदमा करेंगे।