मनमोहन सिंह के बयान पर सीतारमण का करारा जवाब, कहा- कब क्या गलत हुए ये याद करने की जरुरत

मनमोहन सिंह के बयान पर निर्मला सीतारमण का पलटवार करते हुए कहा कि ये याद करना जरुरी है कि किस खास अवधि में कब और क्या गलत हुआ है।

By Ayushi TyagiEdited By: Publish:Fri, 18 Oct 2019 12:25 PM (IST) Updated:Fri, 18 Oct 2019 12:25 PM (IST)
मनमोहन सिंह के बयान पर सीतारमण का करारा जवाब, कहा- कब क्या गलत हुए ये याद करने की जरुरत
मनमोहन सिंह के बयान पर सीतारमण का करारा जवाब, कहा- कब क्या गलत हुए ये याद करने की जरुरत

वॉशिंगटन, पीटीआइ। पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनमोहन सिंह ने गुरुवार को केंद्र की भाजपा सरकार पर बड़ा हमला करते हुए कहा था कि राजग सरकार विपक्ष पर दोष मंढ़ने की कोशिश करती है। उनके इस बयान पर पलटवार करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ये याद करना जरुरी है कि किस खास अवधि में कब और क्या गलत हुआ है। दरअसल, गुरुवार को मनमोहन सिंह ने अपने शासन काल में कुछ कमजोरियां होने की बात मानते हुए कहा था कि मोदी सरकार हर आर्थिक संकट के लिए संप्रग सरकार को दोष दे रही है।उन्हें ऐसे करन बंद करना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि किसी भी समाधान के लिए पांच साल का समय बहुत होता है। 

सीतारमण ने गुरुवार को यहां भारतीय पत्रकारों के एक समूह से वॉशिंगटन में कहा था कि मैं डॉ मनमोहन सिंह का सम्मान करती हूं की वह आरोप प्रत्यारोप में नहीं उलझे। उन्होंने आगे कहा कि किस अब मुझ पर आरोप लग रहे है कि अर्थव्यवस्था को लेकर कोई विचार विमर्श नहीं किया जा रहा है। इसलिए यह जानना जरुरी है कि किस खास अवधि में कब और क्या गलत हुआ। 

दरअसल, मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता की टिप्पणी के बाद सीतारमण न्यूयॉर्क के कोलंबिया विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) के लिए मनमोहन सिंह-रघुराम राजन के संयोजन को सबसे बुरे दौर के लिए जिम्मेदार ठहराया था। निर्मला सीतरामण ने आगे कहा कि सरकार सुनती है और फिर प्रतिक्रिया देती है। उन्होंने कहा कि यदि आज ये बताना है कि कहा परेशानी है तो पहले की गलति का भी पता करना होगा। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर ये हालात इस दौर की वजह से है जिसमें मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे और रघुराम राजन आरबीआई के गवर्नर।  उनके इसी बयान के बाद गुरुवार को मनमोहन सिंह ने सरकार पर समाधान ढुंढने की जगह आरोप मंढ़ने की बात कही थी। 

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