कोई नहीं जानता ये शख्‍स जिंदा है भी या नहीं, दो वर्षों से परिवार को है इंतजार

दो साल हो गए, कोई नहीं जानता मजाद जिंदा भी हैं या नहीं। किसी को उनकी कोई खबर नहीं है। आखिरी बार करीब दो साल पहले फरवरी 2017 में परिजनों ने उनकी आवाज सुनी थी, तब से लेकर आज तक परिवारवाले उनकी आवाज सुनने को तरस रहे हैं।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Mon, 21 Jan 2019 01:42 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jan 2019 01:42 PM (IST)
कोई नहीं जानता ये शख्‍स जिंदा है भी या नहीं, दो वर्षों से परिवार को है इंतजार
कोई नहीं जानता ये शख्‍स जिंदा है भी या नहीं, दो वर्षों से परिवार को है इंतजार

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। दो साल हो गए, कोई नहीं जानता मजाद जिंदा भी हैं या नहीं। किसी को उनकी कोई खबर नहीं है। आखिरी बार करीब दो साल पहले फरवरी 2017 में परिजनों ने उनकी आवाज सुनी थी, तब से लेकर आज तक परिवारवाले उनकी आवाज सुनने को तरस रहे हैं। घर में जब उनके पोते ने जन्‍म लिया तो मजाद को याद कर परिजनों की आंखें छलक आईं। मजाद कमलमाज दरअसल, अमेरिकी थेरेपिस्‍ट हैं। फरवरी 2017 में उन्‍होंने आखिरी बार अपने परिजनों से बात कर बताया था कि वह लेबनान से सीरिया की राजधानी दमिश्‍क जा रहे हैं। वहां पर उनके कुछ पारिवारिक सदस्‍य रहते हैं। मजाद ने बताया था कि वह जल्‍द लौट आएंगे इसलिए बस बैग में कुछ कपड़े ही साथ रखे हैं।

आखिरी बार सुनी थी आवाज
इसके बाद जब उनकी खबर नहीं मिली तो जिस कार में वह सवार थे उसके ड्राइवर से पूछताछ की गई तो पता चला कि वह दमिश्‍क में सरकारी चेकप्‍वाइंट पर रुके थे। यहां पर वह आखिरी बार देखे गए थे, इसके बाद से वह कहां गए और उनका क्‍या हुआ किसी को कुछ नहीं पता है। पहले परिवार को लगा था कि शायद उन्‍हें सीरिया में चल रहे गृहयुद्ध के चलते किसी ने बंधक बना लिया है। इसलिए परिजनों ने उन्‍हें छोड़ने के लिए एक सार्वजनिक अपील भी की थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ।

एफबीआई के हाथ खाली
इतना ही नहीं मजाद के बारे में आज तक एफबीआई और अमेरिकी विदेश मंत्रालय के हाथ भी खाली हैं। मजाद के परिवारवालों ने कई बार इसके लिए एफबीआई का दरवाजा खटखटाकर उनकी तलाश तेज करने की गुहार लगाई, लेकिन इससे भी कोई फायदा नहीं हुआ। अब परिवारवाले अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप से मिलकर मजाद को तलाश करने की गुहार लगाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसा इसलिए क्‍योंकि ट्रंप ने पूरी दुनिया में अपने नागरिकों को सकुशल वापस लाने को अपनी प्राथमिकता बताया है। फिर चाहे वह कहीं बंधक ही क्‍यों न बनाए गए हों। मिस्र मूल के अमेरिकी नागरिक अया हिजरी, वेनेनुएला की जेल में बंद अमेरिकी नागरिक जोशुआ होल्‍ट, तुर्की में बंद एंड्रयू ब्रूनसन का नाम भी इसमें शामिल है।

परिजनों को ट्रंप पर है विश्‍वास
मजाद की पत्‍नी मरयम कमलमाज को ट्रंप पर पूरा विश्‍वास है कि वह कुछ जरूर करेंगे। उनका कहना है कि हम अमेरिकन हैं और ट्रंप इस बात को जानते हैं। हालांकि मरयम इस बात से भी बखूबी वाकिफ हैं कि मजाद को वापस लाना काफी चुनौतीपूर्ण है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि उनका कोई अता-पता नहीं है।

अमेरिका खत्‍म कर चुका है संबंध
वहीं गृहयुद्ध के चलते सीरिया से अमेरिका अपने संबंध पूरी तरह से खत्‍म कर चुका है। आपको बता दें कि अमेरिका सीरिया की सरकार के खिलाफ वहां पर मोर्चा खोले हुए है। इस युद्ध में लाखों लोग मारे जा चुके हैं और हजारों की संख्‍या में लोग दूसरे देश में शरण लिए हुए हैं। वहीं अमेरिका के पास अपने नागरिक को वहां पर तलाशने को लेकर चेक रिपब्लिक से सहयोग लेने का रास्‍ता बच जाता है। चेक रिपब्लिक का दमिश्‍क में दूतावास है। मजाद के लापता होने की जानकारी को सबसे पहले वाल स्‍ट्रीट जरनल ने उठाया था। दमिश्‍क से लापता हुए केवल मजाद ही नहीं है बल्कि वर्ष 2012 में फ्रीलांस अमेरिकी पत्रकार ऑस्टिन टाइस को भी चेकप्‍वाइंट से हिरासत में ले लिया गया था। उसके परिजनों ने भी ट्रंप से ऑस्टिन को छुड़वाने की गुहार लगाई है।

सीरिया में ही हुआ जन्‍म
न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स के मुताबिक मजाद का जन्‍म सीरिया में ही हुआ है। जब वह महज छह साल के थे तब उनके पिता की जॉब अमेरिका में लगी थी जिसके बाद वह भी वहीं के नागरिक बन गए थे। मजाद के परिजन इस बात से पूरी तरह से अनभिज्ञ हैं कि आखिर यदि मजाद को हिरासत में भी लिया गया होगा तो आखिर इसके पीछे क्‍या वजह होगी। आपको बता दें कि मजाद काफी समय से क्‍लीनिकल साइक्‍लोजी पर काम कर रहे थे। इसके चलते वह दुनिया के कई देशों में भी गए। उन्‍होंने 2004 के दौरान इंडोनेशिया में आई सूनामी के दौरान लोगों को निशुल्‍क ट्रॉमा थेरेपी भी दी थी।

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