व्हाइट हाउस पहुंच अमेरिका में रहने वाले भारतीय युवाओं ने की ये अपील, प्रत्यर्पण का मिला है आदेश

21 साल या इस उम्र के करीब पहुंचने वाले भारतीय युवा वर्ग अब अमेरिका में अपने माता पिता के वीजा के सहारे नहीं रह सकते हैं और इन्हें प्रत्यर्पण के आदेश देे दिए गए हैं। इसके बाद व्हाइट हाउस में इन युवाओं ने अपील की है।

By Monika MinalEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 12:01 PM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 12:01 PM (IST)
व्हाइट हाउस  पहुंच अमेरिका में रहने वाले भारतीय युवाओं ने की  ये अपील, प्रत्यर्पण का मिला है आदेश
व्हाइट हाउस पहुंचे अमेरिका में रहने वाले भारतीय युवा, प्रत्यर्पण मामले पर

 वाशिंगटन, प्रेट्र। समूचे अमेरिका से भारतीय युवाओं का समूह व्हाइट हाउस पहुंचकर बाइडन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों व प्रभावी सांसदों से मुलाकात की। दरअसल ये सभी प्रत्यर्पण का सामना कर रहे हैं। युवावर्ग ने अपील की है कि उन्हें अमेरिका में रहने दिया जाए। ऐसे 2 लाख अमेरिकी युवा हैं जिन्होंने अपना बचपन और टीनएज यहां बिताया है और इन्हें प्रत्यर्पण का सामना करना पड़ रहा है। इन सभी की उम्र या तो 21 वर्ष हो चुकी है या फिर होने वाली है जिसके बाद ये अपने माता-पिता के वीजा पर नहीं रह सकेंगे। इन पैरेंट्स को ग्रीन कार्ड के लिए दशकों लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। यह कार्ड वास्तव में स्थायी निवासी होने का प्रमाण होता है जो अमेरिका में प्रवासियों को मिलने का मतलब है कि अब वे आसानी से यहां रह सकते हैं।

इलिनोइस ( Illinois) में क्लिनिकल फर्मासिस्ट दीप पटेल ( Dip Patel) की अगुवाई में युवा भारतीय का समूह व्हाइट हाउस पहुंचा जिसे देख सांसद हैरत में पड़ गए। 25 वर्षीय पटेल इंप्रूव द ड्रिम के फाउंडर हैं। समूचे अमेरिका में प्रत्यर्पण के मामलों का सामना करने वाले इन युवाओं की एक ही अपील है,'हमें प्रत्यर्पित न करें, अमेरिका में हमारे घर में रहने दें।' इन्हें सांसदों व विधायकों की ओर से आश्वासन दी गई और धीरज रखने को कहा गया। साथ ही इन युवाओं की हिम्मत और प्रयास की सराहना भी सांसदें ने की।

उल्लेखनीय हे कि यूस हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी ने ग्रीन कार्ड पर कोटा खत्म करने का विधेयक पेश किया है। वर्तमान में हर देश के हिसाब से ग्रीन कार्ड का कोटा निर्धारित है। इस विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद भारतीय आईटी पेशेवरों को काफी फायदा होगा क्योंकि अमेरिका में एच-1बी वीजा पर बड़ी संख्या में भारतीय काम करते हैं और बाद में ग्रीन कार्ड की दावेदार हो जाते हैं लेकिन देश के लिए सीमित कोटा के कारण निराशा का सामना भी करना पड़ता है।

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