अमेरिका में फेसबुक को लगा तगड़ा झटका, यूजर्स की गोपनीयता भंग करने वाले एप का डाटा सौंपने का निर्देश

फेसबुक ने पिछले साल ही इस बात को माना था कि गोपनीयता उल्लंघन के आरोपों के बाद उसने अपनी वॉल से इन एप को हटा दिया था।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Sat, 18 Jan 2020 06:11 PM (IST) Updated:Sat, 18 Jan 2020 06:15 PM (IST)
अमेरिका में फेसबुक को लगा तगड़ा झटका, यूजर्स की गोपनीयता भंग करने वाले एप का डाटा सौंपने का निर्देश
अमेरिका में फेसबुक को लगा तगड़ा झटका, यूजर्स की गोपनीयता भंग करने वाले एप का डाटा सौंपने का निर्देश

न्यूयॉर्क, आइएएनएस। अमेरिका में फेसबुक को तगड़ा झटका लगा है। अमेरिकी अदालत के एक जज ने फेसबुक को निर्देश दिया है कि वह उन हजारों एप के डाटा पुलिस को सौंपे, जिनके जरिये यूजर्स की गोपनीयता का उल्लंघन किया गया है। ताजा आदेश कैंब्रिज एनालिटिका डाटा घोटाले की जांच के संबंध में पूर्व में दिए गए फैसले के तहत जारी किया गया है। बता दें कि दिग्गज सोशल मीडिया कंपनी ने पिछले साल ही इस बात को माना था कि गोपनीयता उल्लंघन के आरोपों के बाद उसने अपनी वॉल से इन एप को हटा दिया था।

वाशिंगटन पोस्ट में शुक्रवार को प्रकाशित एक खबर के मुताबिक, मैसाच्युसेट्स के जज ने कंपनी के उन प्रयासों को भी खारिज कर दिया, जिसमें उसने अहम दस्तावेज जांचकर्ताओं के पास जाने से रोकने की अपील की थी। फेसबुक के प्रवक्ता एंडी स्टोन ने कहा, 'हम इस बात से निराश हैं कि मैसाच्युसेट्स के अटार्नी जनरल और कोर्ट ने हमारी दलीलों पर विचार नहीं किया। हम इस आदेश के खिलाफ ऊंची अदालत में अपील सहित अन्य विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।'

मैसाच्युसेट्स के डेमोक्रेटिक अटॉर्नी जनरल मौरा हेले ने कहा, 'हम इस बात से खुश हैं कि कोर्ट ने फेसबुक को यह आदेश दिया है कि वह बताए कि कौन से अन्य एप डेवलपर कैंब्रिज एनालिटिका की तरह आचरण में लगे हैं।' उधर, कैंब्रिज एनालिटिका मामले को सामने लाने वाले व्हिसलब्लोअर ब्रिटनी कैसर इससे जुड़े कुछ नए तथ्य सामने लाए हैं।

उन्होंने कहा कि डाटा चोरी का पता लगने के बाद 2015 में फेसबुक ने पॉलिटिकल कंसलटेंसी फर्म से केवल डाटा हटाने के लिए ई-मेल के जरिये अनुरोध किया था और लापरवाह तरीके से इस संबंध में पुष्टि करने के लिए कहा था।

क्या है कैंब्रिज एनालिटिका का मामला

मुद्दा फेसबुक से डाटा चोरी कर उसका गलत इस्तेमाल करने का है। मामला अमेरिका का है। इसकी शुरुआत साल 2013 में हुई। कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के रिसर्चर एलेक्जेंडर कोगन ने एक पर्सनालिटी क्विज एप बनाया। फिर इसको ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए अलग-अलग फेसबुक वॉल पर पोस्ट करवाया। जब लोगों ने उस एप को डाउनलोड करना चाहा तो यूजर्स को फेसबुक के जरिये लॉग-इन करना पड़ा था। ऐसा करते वक्त एप यूजर्स का डाटा एक्सेस करने की अनुमति मांगी जाती थी। इससे धीरे-धीरे एप के जरिये 8.7 करोड़ यूजर्स की फेसबुक प्रोफाइल की पूरी जानकारी कोगन तक पहुंच गई।

chat bot
आपका साथी