रूस से रक्षा सौदे के बावजूद अमेरिका मेहरबान, कहा- 'भारत से महत्वपूर्ण कोई और देश नहीं', बताई ये वजह

रूस से मिसाइल प्रणाली खरीद का मामला। भारत पर कोई प्रतिबंध नहीं चाहते हैं अमेरिकी सांसद और थिकटैंक। सासंदों ने राष्ट्रपति जो बाइडन से कहा है कि भारत को काट्सा जैसे दंडात्मक अधिनियम से भी मुक्त कर देना चाहिए।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 03:09 PM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 03:09 PM (IST)
रूस से रक्षा सौदे के बावजूद अमेरिका मेहरबान, कहा- 'भारत से महत्वपूर्ण कोई और देश नहीं', बताई ये वजह
रूस से रक्षा सौदे के बावजूद अमेरिका मेहरबान, कहा- 'भारत से महत्वपूर्ण कोई और देश नहीं', बताई ये वजह

वाशिंगटन, एजेंसियां। चीन का मुकाबला करने के लिए अमेरिका के लिए भारत से ज्यादा महत्वपूर्ण कोई भी देश नहीं है। अमेरिका के लिए भारत का बहुत बड़ा योगदान है। इसके बेहतरीन पेशेवर लोग और मजबूत राजनीतिक और सांस्कृतिक स्थितियां सदैव फायदेमंद रही हैं। अमेरिका के सांसद और थिक टैंक भारत के रुस से एस-400 मिसाइल प्रणाली खरीद के मामले में किसी भी तरह का प्रतिबंध लगाने के पक्ष में नहीं हैं।

सासंदों ने राष्ट्रपति जो बाइडन से कहा है कि भारत को काट्सा जैसे दंडात्मक अधिनियम से भी मुक्त कर देना चाहिए। ज्ञात हो कि भारत रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली का सौदा कर चुका है। इसको लेकर अमेरिका समय- समय पर विरोध जताता रहा है। अब शीर्ष रिपब्लिकन सीनेटरों ने मांग की है कि भारत को काटसा जैसे अधिनियम से मुक्त कर दिया जाना चाहिए।

काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट (काटसा) के तहत अमेरिका रूस से हथियारों की खरीद पर दूसरे देशों पर प्रतिबंध लगाता है। सीनेट की विदेशी संबंधों की समिति के ताकतवर सदस्य और रिपब्लिकन सीनेट टोड यंग सहित कई सांसदों ने कहा है कि ऐसे संकटकालीन समय रूस से मिसाइल प्रणाली खरीद के मामले में भारत पर कोई प्रतिबंध लगाया तो हम भरोसेमंद साथी को गंवा देंगे। इससे क्वाड पर भी असर पड़ेगा, जो चीन से लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

विज्ञान और तकनीक मामलों के अग्रणी थिकटैंक ने भी कहा है कि भारत अमेरिका के लिए बहुत ही विश्वस्त सहयोगी है। चीन से मुकाबला करने में भारत ही सक्षम है। ऐसी स्थिति में अच्छे मित्र की तरह ही उसके साथ व्यवहार करना होगा।

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