Vaccine To Pregnant: गर्भावस्था में भी सुरक्षित है वैक्सीन, गर्भनाल को नहीं होता कोई नुकसान

भ्रांतियों का निराकरण हो रहा है। तमाम शोध हुए और उनमें वैक्सीन गर्भावस्था में भी सेफ बताई गई। अब सामने आइ शोध में बताया गया कि वैक्सीन से गर्भनाल को नहीं होता कोई नुकसान। गर्भनाल के पैथोलॉजिकल परीक्षण से निकाला निष्कर्ष। मॉडर्ना और फाइजर की वैक्सीन को लेकर हुआ शोध।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 06:30 PM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 06:30 PM (IST)
Vaccine To Pregnant: गर्भावस्था में भी सुरक्षित है वैक्सीन, गर्भनाल को नहीं होता कोई नुकसान
Vaccine To Pregnant: गर्भावस्था में भी सुरक्षित है वैक्सीन, गर्भनाल को नहीं होता कोई नुकसान

न्यूयॉर्क, आइएएनएस। कोरोना वैक्सीन को लेकर कई तरह की भ्रांतियां हैं। इस वजह से महामारी के इस विकट दौर में भी कई लोग वैक्सीन लेने से डरते या बचते हैं। ऐसे में शोधकर्ताओं ने यह स्पष्ट किया है कि कोविड-19 रोधी वैक्सीन गर्भावस्था में भी सुरक्षित है। इससे गर्भनाल को कोई नुकसान नहीं होता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगवाने में हिचकने की कोई जरूरत नहीं है।

गर्भावस्था के दौरान सबसे पहले गर्भनाल का ही निर्माण होता है। यह भ्रूण के अंगों के विकास के दौरान उनके निर्मित होने तक उनसे संबंधित कार्यो का निष्पादन करता है। जैसे कि भ्रूण में फेफड़े का विकास होने तक आक्सीजन पहुंचाता है और पेट विकसित होने तक पोषण भी प्रदान करता है। इसके अलावा गर्भनाल हार्मोन और इम्यून सिस्टम का भी प्रबंधन करता है तथा माता के शरीर को भ्रूण के विकास के लिए तैयार करता है। साथ ही बाहरी तत्वों से भ्रूण का बचाव करते हुए उसका पालन-पोषण करता है।

नार्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के फेनबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन में पैथोलॉजी के असिस्टेंट प्रोफेसर जेफरी गोल्डस्टीन बताते हैं कि इंटरनेट मीडिया ने इस चिंता को बढ़ा दिया कि वैक्सीन से प्रतिरक्षी प्रतिक्रिया (इम्यून रेस्पांस) बढ़ जाएगी, जिससे मां अपने भ्रूण को बनाए नहीं रख सकेगी। लेकिन आब्स्टेट्रिक्स एंड गाइनकोलॉजी जर्नल में प्रकाशित शोध बताता है कि ऐसा नहीं होता है।

अध्ययन का निष्कर्ष बताता है कि कोविड वैक्सीन गर्भनाल को नुकसान नहीं पहुंचाती है। इससे मां तथा गर्भाशय में पल रहे भ्रूण के बीच रक्त का प्रवाह असामान्य नहीं होता है। शोधकर्ताओं की टीम ने शिकागो के प्रेंटिस वुमेंस हॉस्पिटल में प्रसव कराने वाली महिलाओं पर अध्ययन किया है। इनमें से 84 ऐसी महिलाएं थीं, जिन्होंने वैक्सीन ली थी और 116 ने वैक्सीन नहीं ली थी। इनसे एकत्र गर्भनाल का बच्चे के जन्म के बाद पैथोलॉजिकल परीक्षण किया गया। वैक्सीन लेने वाली महिलाओं में से अधिकांश ने गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में मॉडर्ना या फाइजर की वैक्सीन ली थी।

शोधकर्ताओं ने कोविड से संक्रमित महिलाओं में मां और भ्रूण के बीच असामान्य रक्त प्रवाह का भी अध्ययन किया। इसमें पाया गया कि गर्भनाल को नुकसान की दर वैक्सीन ले चुकी और वैक्सीन नहीं लेने वाली महिलाओं में बराबर ही थी। इसके अतिरिक्त विज्ञानियों ने गर्भनाल का क्रोनिक हिस्टियोसाइटिक इंटरविलोसिटिस (सार्स कोव-2 के संक्रमण से गर्भनाल में पैदा होने वाली एक प्रकार की समस्या) का भी परीक्षण किया। लेकिन वैक्सीन ले चुकी महिलाओं में ऐसी कोई समस्या नहीं पाई गई। हालांकि यह बहुत ही विरले होता है, इसलिए इस आधार पर वैक्सीन लेने वाली और नहीं लेने वाली महिलाओं में फर्क जानने के लिए बड़े सैंपल साइज (तकरीबन एक हजार) की जरूरत थी।

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