विशेषज्ञों का खुलासा, आंखों ही नहीं आंसुओं से भी फैल सकता है जानलेवा कोरोना

विशेषज्ञों ने खुलासा किया है कि कोरोना वायरस नाक और मुंह के जरिए ही नहीं आंखों के जरिए भी फैल सकता है। जानें संक्रमण से कैसे करें बचाव...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Thu, 04 Jun 2020 05:09 PM (IST) Updated:Thu, 04 Jun 2020 08:04 PM (IST)
विशेषज्ञों का खुलासा, आंखों ही नहीं आंसुओं से भी फैल सकता है जानलेवा कोरोना
विशेषज्ञों का खुलासा, आंखों ही नहीं आंसुओं से भी फैल सकता है जानलेवा कोरोना

वाशिंगटन, एपी। अभी तक यही कहा जाता था कि कोरोना वायरस नाक और मुंह के जरिए फैलता है। अब विशेषज्ञों ने इस बारे में एक नया खुलासा किया है। उनका कहना है कि यह जानलेवा वायरस आंखों के जरिए भी फैल सकता है। यानी अब आंखों की भी सुरक्षा जरूरी हो गई है। हालांकि शोधकर्ताओं ने कानों के जरिए फैलने की आशंका से इनकार किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि कोई संक्रमित व्यक्ति नजदीक होकर खांसता या छींकता है तो कोविड-19 नाक और मुंह के साथ आंखों के जरिए भी दूसरे व्‍यक्ति को बीमार बना सकता है।

यही नहीं पाया गया है कि यदि किसी व्‍यक्ति का हाथ जानलेवा वायरस के संपर्क में आता है और वह इन्‍हीं दूषित हाथों से आंखों को छूता है तो उसमें भी संक्रमण के फैलने की आशंका होती है। यही नहीं विशेषज्ञों का कहना है कि किसी संक्रमित व्यक्ति के आंसुओं से भी वायरस की चपेट में आने का खतरा रहता है। डॉक्‍टरों का कहना है कि बार-बार हाथ धोकर, सामाजिक दूरी का पालन करके और चेहरा ढक कर इस वायरस को फैलने से रोका जा सकता है। अमेरिकन अकेडमी ऑफ ऑप्थैल्मोलॉजी की मानें तो चश्मा पहनने से भी इस जानलेवा वायरस से सुरक्षा हो सकती है।

यही कारण है कि स्वास्थ्य देखभाल करने वाले मेडिकल कर्मचारियों को भी संक्रमित मरीजों का इलाज करते वक्‍त चश्मा पहने रहने की सलाह दी गई है। वहीं अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र का कहना है कि कानों से कोरोना वायरस के फैलने की आशंका नहीं है। इससे पहले एक अध्‍ययन में पाया गया था कि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए एक-दूसरे से छह फुट की दूरी बनाने का नियम नाकाफी है और यह जानलेवा वायरस छींकने या खांसने से करीब 20 फुट की दूरी तक जा सकता है।

वैज्ञानिकों ने अपने अध्‍ययन में यह भी पाया था कि कोरोना सर्दी और नमी वाले मौसम में तीन गुना तक फैल सकता है। छींकने या खांसने के दौरान निकली संक्रामक बूंदें वायरस को 20 फुट की दूरी तक ले जा सकती हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि छींकने, खांसने और यहां तक कि सामान्य बातचीत से करीब 40 हजार बूंदें निकल सकती हैं। यह बूंदें प्रति सेकंड में कुछ मीटर से लेकर कुछ सौ मीटर दूर तक जा सकती हैं। अध्ययन में पाया गया कि बड़ी बूंदें गुरुत्वाकर्षण के कारण किसी चीज पर जम जाती हैं लेकिन छोटी बूंदें एरोसोल कणों को बनाने के लिए तेजी से फैल जाती हैं।

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