तालिबान और अफगान सेना की जंग में मारे जा रहे आम नागरिक, यूएन की रिपोर्ट में चौकाने वाला खुलासा

अफगानिस्‍तान में इस वर्ष आम नागरिकों के हताहत होने की संख्‍या काफी बढ़ गई है। यूएन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बार इनकी संख्‍या ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इस पर यूएन चिंता जाहिर की गई है।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 12:31 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 12:31 PM (IST)
तालिबान और अफगान सेना की जंग में मारे जा रहे आम नागरिक, यूएन की रिपोर्ट में चौकाने वाला खुलासा
अफगानिस्‍तान में बह रहा नागरिकों का खून

काबुल (रायटर)। अफगानिस्‍तान में कब्‍जे को लेकर चल रही सेना और तालिबान के बीच की जंग में अब तक हजारों आम नागरिकों की जान जा चुकी है। संयुक्‍त राष्‍ट्र के ताजा आंकड़ों के मुताबिक मई जून में इसमें जबरस्‍त इजाफा देखा गया है। इस दौरान इन दोनों के बीच हुए हमलों में करीब 2400 आम नागरिकों की मौत हुई है या फिर वो हताहत हुए हैं। वर्ष 2009 के बाद से दो माह के दौरान ये सबसे बड़ी संख्‍या है।

यूएन असिसटेंस मिशन टू अफगानिस्‍तान (यूएनएम) की रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्‍होंने इस वर्ष जनवरी से जून के बीच करीब 5183 आम नागरिकों के हताहत होने का दस्‍तावेज जारी किया था जिसमें 1659 लोगों की मौत हुई थी। ये नंबर पिछले वर्ष के मुकाबले करीब 47 फीसद अधिक हैं। ये नंबर इस बात का भी सुबूत हैं कि देश के हालात किस तरफ जा रहे हैं और अफगान सेना और तालिबान में किस हद तक जंग जारी है। यूएनएमए ने इस पर गहरी चिंता जाहिर की है।

गौरतलब है कि पिछले वर्ष अमेरिका और तालिबान के बीच अफगानिस्‍तान केा लेकर एक शांति समझौता हुआ था। इस समझौते के तहत अमेरिका को मई 2021 तक अपनी फौज को वापस ले जाना था। लेकिन अमेरिका में सरकार बदलने और जो बाइडन के सत्‍ता में आने के बाद इसमें थोड़ा सा बदलाव किया गया। नए बदलाव के तहत अमेरिकी और नाटो सेना को अफगानिस्‍तान से पूरी तरह से बाहर जाने की समय सीमा सितंबर 2021 तक बढ़ा दी गई थी। अमेरिका की तरफ से कहा या था कि वो 9/11 से पहले अपनी फौज को यहां से वापस ले जाएगा। इस घोषणा के साथ ही तालिबान ने अफगानिस्‍तान में कब्‍जे को लेकर अपने हमले तेज कर दिए थे।

अमेरिका की तरफ से दो दिन पहले ही कहा गया था कि तालिबान ने अफगानिस्‍तान के करीब 50 फीसद इलाकों पर अपना कब्‍जा कर लिया है। वहीं तालिबान ने कुछ दिन पहले मास्‍को में एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया था कि उसने देश के 80 फीसद इलाकों पर कब्‍जा कर लिया है। रविवार को तालिबान की तरफ यहां तक कहा गया कि देश में शांति स्‍थापना के लिए अफगानिस्‍तान के राष्‍ट्रपति अशरफ गनी को सत्‍ता से बेदखल होना होगा। तालिबान की तरफ से यहां तक कहा गया था कि उनका फिलहाल काबुल पर कब्‍जे का कोई इरादा नहीं है। तालिबान ने कहा कि जिन इलाकों ते तालिबान का कब्‍जा है वहां पर महिलाओं और लड़कियों की शिक्षा को रोका नहीं जाएगा लेकिन उन्‍हें घर से बाहर निकलते समय किसी मर्द की जरूरत होगी।

आपको बता दें कि तालिबान को सत्‍ता से दूर करने के लिए अफगानिस्‍तान में अमेरिका ने कई बार हवाई हमले भी किए हैं। संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव द्वारा अफगानिस्‍तान के लिए नियुक्‍त विशेष प्रतिनिधि डेबरोह लियॉन्‍स का कहना है कि दोहा में शांति वार्ता के कई दौर हो चुके हैं। लेकिन कूटनीतिज्ञ तालिबान से हो रही वार्ता में काफी एहतियात के साथ आगे बढ़ रहे हैं।

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