भारत के लिए खतरे का संकेत है चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग का तिब्बत दौरा, जानें किसने कही है ये बात

Chinese President Xi Jinping Tibet visit पिछले सप्ताह चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग (Xi Jinping) के तीन दिवसीय तिब्बत दौरे को भारत के लिए खतरा बताते हुए अमेरिकी सांसद ने राष्ट्रपति जो बाइडन पर भी बीजिंग के खिलाफ कुछ न करने का आरोप लगाया।

By Monika MinalEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 09:04 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 09:53 AM (IST)
भारत के लिए खतरे का संकेत है चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग का तिब्बत दौरा, जानें किसने कही है ये बात
भारत के लिए खतरे का संकेत है चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग का तिब्बत दौरा

वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका के एक प्रभावी सांसद ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के तिब्बत दौरे को भारत के लिए खतरा बताने के साथ राष्ट्रपति जो बाइडन पर बीजिंग को रोकने के लिए कुछ न करने का आरोप लगाया। बीते बुधवार को शी ने अचानक तिब्बत के नाइंगची (Nyingchi) का तीन दिवसीय दौरा किया। वहां वे तिब्बत मिलिट्री कमांड के शीष अधिकारियों से मिले और क्षेत्र में हो रहे विकास परियोजनाओं की समीक्षा की। शी ऐसे समय पर तिब्बत का दौरा करने पहुंचे जब भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले साल मई से गतिरोध जारी है।

फॉक्स न्यूज के एक इंटरव्यू में रिपब्लिक सांसद डेविन न्यून्स (Devin Nunes) ने कहा, 'पिछले सप्ताह चीनी तानाशाह शी चिनफिंग भारत से लगती सीमावर्ती इलाके में थे जो तिब्बत में आता है। मेरे विचार से 30 सालों में पहली बार एक चीनी तानाशाह तिब्बत में था जो भारत के लिए एक चुनौती थी कि वो वहां एक बड़े जल परियोजना का निर्माण कर रहा है जिससे भारत के लिए पानी में कटौती हो सकती है।'

बता दें कि नाइंगची का इलाका अरुणाचल प्रदेश के बेहद करीब है। शी चीन के कम्युनिस्ट पार्टी के जनरल सेक्रेटरी भी हैं। न्यांगची में शी न्यांग नदी (Nyang River) के पुल पर भी गए। 68 वर्षीय शी पिछले बुधवार को न्यांगची मेनलिंग एयरपोर्ट पहुंचे। वहां उनका स्वागत स्थानीय लोगों तथा विभिन्न जातीय समूहों के अधिकारियों ने किया। इसके बाद वे ब्रह्मपुत्र नदी घाटी में पारिस्थितिक संरक्षण का निरीक्षण करने के लिए वह ‘न्यांग रिवर ब्रिज’ गए, जिसे तिब्बती भाषा में ‘यारलुंग ज़ंगबो’ कहा जाता है।

चीन ने इस साल वर्तमान 14वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान ब्रह्मपुत्र नदी पर एक विशाल बांध बनाने की योजना को मंजूरी दी है, जिसने भारत और बांग्लादेश के तटवर्ती राज्यों में चिंता उत्पन्न हो गई है। तिब्बत में एक प्रांत स्तर का शहर न्यांगची अरुणाचल प्रदेश की सीमा से सटा हुआ है। चीन, अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताता है, जिस दावे को भारत ने हमेशा दृढ़ता से खारिज किया है। भारत-चीन के बीच 3,488 किलोमीटर की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सीमा विवाद है।

chat bot
आपका साथी