कोरोना की उत्पत्ति को लेकर चीन को धमकी, नहीं किया सहयोग तो 'अंतरराष्ट्रीय आइसोलेशन' के लिए रहे तैयार

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने सीधे ही चीन से कहा है कि यदि वह कोरोना उत्पत्ति मामले की जांच मे सहयोग नहीं करता है तो उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आइसोलेशन का सामना करना पड़ेगा। ऐसा मानना है कि 2019 के अंत में कोरोना संक्रमण वहीं से शुरू हुआ।

By Monika MinalEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 09:26 AM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 11:54 AM (IST)
कोरोना की उत्पत्ति को लेकर चीन को धमकी, नहीं किया सहयोग तो 'अंतरराष्ट्रीय आइसोलेशन' के लिए रहे तैयार
कोरोना की उत्पत्ति को लेकर चीन को धमकी, नहीं किया सहयोग तो 'अंतरराष्ट्रीय आइसोलेशन' के लिए रहे तैयार

 वाशिंगटन, एएनआइ। कोरोना उत्पत्ति मामले में पूरी दुनिया के निशाने पर चीन (China) है। अब इस मामले में अमेरिकी सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन (US national security adviser Jake Sullivan) ने रविवार को चीन को धमकी दी है कि यदि बीजिंग की ओर से मामले में सहयोग नहीं किया गया तो इसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय में अलग-थलग रहना होगा। उन्होंने कहा, 'सहयोग न करने पर चीन को वैश्विक स्तर पर आइसोलेशन झेलना होगा। फॉक्स न्यूज के साथ इंटरव्यू में सुलिवन ने राष्ट्रपति जो बाइडन के कदम की सराहना की जिसके तहत उन्होंने अपने G-7 सहयोगी नेताओं से चीन पर इस बात के लिए दबाव बनाने का आग्रह किया है।

कोरोना वायरस की उत्पत्ति पर अब तक रहस्य बरकरार है जिसका पहला मामला चीन के वुहान में मिला था। सुलिवन ने कहा, 'इस सप्ताह यूरोप में बाइडन ने पहली बार कोविड महामारी के मामले पर सभी देशों को एकजुट किया। पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ऐसा नहीं कर पाए थे। राष्ट्रपति बाइडन ने कर दिखाया। G7 के सभी सदस्य देशों ने चीन के खिलाफ आवाज उठाई और कहा कि उसे देश में जांच की अनुमति देनी चाहिए।'

बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाइडन ने कहा, 'चीन खुद को काफी अग्रणी व बहुत जिम्मेदार देश की तरह पेश करने की कोशिश कर रहा है। वह कोविड-19 और वैक्सीन को लेकर दुनिया को कैसे मदद कर रहा है, इसे जताने की काफी हद तक कोशिश कर रहा है।' बाइडन ने कहा, 'मुझे लगता है कि मानवाधिकार व पारदर्शिता के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन को अधिक जिम्मेदारी से काम करने की शुरुआत कर देनी चाहिए।'

बता दें कि वर्ष 2019 के अंत में पहला कोरोना वायरस संक्रमण का मामला चीन के वुहान में ही मिला था। इसके दो-तीन माह के भीतर ही इस जानलेवा वायरस ने पूरी दुनिया को चपेट में ले लिया। मार्च 2020 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे महामारी घोषित कर दिया।

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