चीन प्रतिस्पर्धा में अमेरिका के बिल्कुल नजदीक, विभिन्न क्षेत्रों में दे रहा कड़ी चुनौती

अमेरिका की एक खुफिया अधिकारी ने बाइडन प्रशासन ने लोगों को आगाह किया है कि विश्व प्रतिस्पर्धा में चीन मुकाबले में तेजी से निकट आ रहा है। चीन अमेरिका को विभिन्न क्षेत्रों में कड़ी चुनौती दे रहा है। ये रिपोर्ट चौंका रही है।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 03:17 PM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 03:17 PM (IST)
चीन प्रतिस्पर्धा में अमेरिका के बिल्कुल नजदीक, विभिन्न क्षेत्रों में दे रहा कड़ी चुनौती
वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अमेरिका के करीब आ पहुंचा है चीन। (फोटो: दैनिक जागरण)

वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका की एक खुफिया अधिकारी ने प्रशासन को आगाह किया है कि विश्व प्रतिस्पर्धा में चीन मुकाबले में तेजी से निकट आ रहा है। साथ ही वह अमेरिका को विभिन्न क्षेत्रों में कड़ी चुनौती दे रहा है। नेशनल इंटेलिजेंस की निदेशक एविरल हैंस ने अपनी एक रिपोर्ट को सीनेट की इंटेलिजेंस पर बनी सलेक्ट कमेटी में साझा किया है। यह रिपोर्ट अमेरिका के वैश्विक स्तर पर बढ़ते खतरों को लेकर है। हैंस ने कहा कि चीन तेजी से अमेरिका से मुकाबले में निकट आ रहा है। वह वैश्विक स्थितियों को अपने पक्ष में परिवर्तित करने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए वह पड़ोसी देशों को खुद के अनुरूप काम करने के लिए दबाव डाल रहा है। यही कारण है कि उसके कुछ देशों के साथ लगातार सीमा विवाद भी हो रहे हैं। इसके लिए वह अपनी साइबर क्षमताओं का उपयोग कर रहा है। अमेरिका में साइबर हमले उसी रणनीति का हिस्सा हैं। हैंस ने रूस, ईरान और उत्तर कोरिया को भी अमेरिका के लिए चुनौती देने वाला देश बताया है।

अमेरिका वीजा प्रक्रिया आसान करे, तभी व्यापार बढ़ेगा

एजूकेशन सेक्टर में भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार में तेजी लाने के लिए अमेरिका को अपनी वीजा पॉलिसी में परिवर्तन लाना होगा। इसके लिए वाशिंगटन को वीजा में आने वाली दिक्कतों को दूर करना होगा। यूएस इंडिया स्टै्रटेजिक एंड पार्टनरशिप फोरम (यूएसआइएसपीएफ) ने कहा है कि 2019-20 के शिक्षा सत्र में भारत इंटरनेशनल स्टूडेंड के मामले में विश्व में दूसरे नंबर पर था।

हालांकि इस बार चार प्रतिशत गिरावट के बाद भी एक लाख 93 हजार से ज्यादा छात्र अमेरिका गए थे। इसका आधार ओपन डोर रिपोर्ट 2020 है। रिपोर्ट को अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने जारी किया है। फोरम ने कहा है कि वीजा की प्रक्रिया में बाधाओं को दूर कर छात्रों की आवाजाही को आसान बनाने से एजूकेशन सेक्टर में अमेरिका को मजबूती मिलेगी। इससे दोनों ही देशों को फायदा होगा। भारतीयों को अपनी नौकरी सुरक्षित करने में मदद मिलेगी।

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