Joe Biden meets Vladimir Putin: बाइडन-पुतिन की वार्ता पर चीन की पैनी नजर, उठे सवाल- क्‍या US जी-7 के एजेंडे को आगे बढ़ाने में होगा कामयाब

इस मुलाकात पर चीन की निगाहें भी टिकी हैं। खास बात यह है कि दोनों नेताओं की मुलाकात ऐसे समय हो रही है जब कोरोना वायरस की उत्‍पत्ति को लेकर एवं तमाम मसलों पर अमेरिका और चीन के बीच टकराव और मतभेद बना हुआ है।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 06:18 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 06:18 PM (IST)
Joe Biden meets Vladimir Putin: बाइडन-पुतिन की वार्ता पर चीन की पैनी नजर, उठे सवाल- क्‍या US जी-7 के एजेंडे को आगे बढ़ाने में होगा कामयाब
जो बाइडन-पुतिन की वार्ता पर चीन की पैनी नजर। फाइल फोटो।

वाशिंगटन, एजेंसी। Joe Biden meets Vladimir Putin: अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन 16 जून को स्‍व‍िट्जरलैंड की राजधानी जेनेवा में रूस में अपने समकक्ष व्‍लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात पर चीन की निगाहें भी टिकी हैं। खास बात यह है कि दोनों नेताओं की मुलाकात ऐसे समय हो रही है, जब कोरोना वायरस की उत्‍पत्ति को लेकर एवं तमाम मसलों पर अमेरिका और चीन के बीच टकराव और मतभेद बना हुआ है। इतना ही नहीं जी-7 की बैठक में अमेरिका समेत तमाम यूरोपीय देशों ने चीन पर नकेल कसने के तिए रोडमैप तैयार किया है। उधर, रूस और अमेरिका के संबंधों में भी तनाव बना हुआ है। ऐसे में यह उम्‍मीद की जा रही है कि दोनों देशों के प्रमुखों की इस मुलाकात से अमेरिका और रूस के बीच तल्‍ख रिश्‍तों में नरमी आ सकती है। इस लिहाज से भी बाइडन की पुतिन से मुलाकात खासा मायने रखती है।

अमेरिका-रूस के बीच भविष्य में बेहतर संबंध की बहाली के संकेत

हाल में व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन साकी ने जानकारी देते हुए कहा कि दोनों देशों के शीर्ष नेता व्यापक मुद्दों पर चर्चा करेंगे क्योंकि हम अमेरिका-रूस के बीच भविष्य में बेहतर संबंध की बहाली और स्थिरता चाहते हैं। यह वार्ता दोनों देशों के बीच चल रहे तनाव को खत्‍म करने और रिश्‍तों में सकारात्‍मक पहल को लेकर होगी। बता दें कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति बाइडन ने दोनों देशों के संबंधों में सुधार की पहल करते हुए रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन को न्‍योता भेजा था। प्रेस सचिव ने कहा कि रूस की तरफ से अब तक उठाए गए कदम अमेरिका की संप्रभुता को नुकसान पहुंचाते हैं। हम अपने राष्‍ट्रहितों की रक्षा करेंगे। इसके पूर्व पिछले दिनों राष्‍ट्रपति बाइडन ने पुतिन से फोन पर बात की थी। उन्‍होंने यूक्रेन और क्रीमिया में अचानक होने वाली रूसी सेना की गतिविधियों को लेकर चिंता प्रकट की थी।

बाइडन का एजेंडा

उधर, अमेरिकी राष्‍ट्रपति की पुतिन से मुलाकात के कूटनीतिक निहितार्थ भी निकाले जा रहे हैं। अमेरिका की रणनीति है कि चीन में कोरोना वायरस की उत्‍पत्ति, हिंद प्रशांत क्षेत्र और दक्षिण चीन सागर में ड्रैगन के बढ़ते प्रभुत्‍व को खत्‍म करने के लिए उस पर दबाव बना सके। इसके अलावा हांगकांग और उइगर मुस्लिमों को लेकर वह चीन को दुनिया में अलग-थलग करना चाहता है। ऐसे में बाइडन और पुतिन की इस मुलाकात को एक खास आयाम में देखा जा रहा है। अब यह देखना दिलचस्‍प होगा कि वह किस तरह से चीन और रूस की दोस्‍ती में बाधा उत्‍पन्‍न कर सकते हैं। अमेरिका का पहला लक्ष्‍य चीन के मसले पर रूस के रुख में बदलाव का होगा। अगर वह इसमें असफल रहा तो उसका लक्ष्‍य होगा कि अमेरिका और रूस के रिश्‍तों में सुधार हो। अगर रूस और अमेरिका निकट आते हैं तो चीन पर प्रत्‍यक्ष या अप्रत्‍यक्ष दबाव कायम होगा। बाइडन की इस मुलाकात को खास नजरिए से देखा जा रहा है। खासकर कोरोना उत्‍पत्ति को लेकर अमेरिका पूरी तरह से चीन को दोषी मानता है। ऐसे में अमेरिका का यह एजेंडा होगा कि रूस को इसके लिए राजी कर सके। इसके अलावा दोनों देशों के बीच बैठक की अन्‍य कई वजह मानी जा रही हैं। इसमें अमेरिका की तरफ से 32 रूस की संस्‍थाओं पर लगाए गए प्रतिबंध और 2020 के चुनाव में रूस का शामिल होने और अमेरिका नेटवर्क की सप्‍लाई चैन सॉफ्टवेयर हैंकिंग जैसे मुद्दे हैं। हालांकि, रूस इन आरोपों को नकाराता रहा है।
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