शारीरिक गतिविधियों की कमी से कैंसर के मामले बढ़े, जानिए और क्या कहता है यह शोध

अमेरिकी कैंसर सोसाइटी के मुताबिक यह पहला ऐसा शोध है जिसमें शारीरिक गतिविधियां नहीं करने से कैंसर को जोड़ा गया है। उनका कहना है कि ऐसे कैंसरों में स्तन (ब्रेस्ट) गर्भाशय की परत (एनडोमेटरीयल) का कैंसर वृहदांत्र (कोलन) कैंसर पेट का कैंसर किडनी कैंसर आदि शामिल हैं।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 04:37 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 04:37 PM (IST)
शारीरिक गतिविधियों की कमी से कैंसर के मामले बढ़े, जानिए और क्या कहता है यह शोध
इस शोध को जरनल 'मेडिसिन एंड साइंस इन स्पो‌र्ट्स एंड एक्सरसाइज' में प्रकाशित किया गया

वाशिंगटन, एएनआइ। अमेरिका के एक नए शोध में पाया गया है कि 46 हजार से अधिक कैंसर के मामलों को हर साल बचाया जा सकता था, अगर अमेरिकी लोग हर हफ्ते पांच घंटे मध्यम से गहन स्तर की शारीरिक गतिविधियां करें। इस शोध को जरनल 'मेडिसिन एंड साइंस इन स्पो‌र्ट्स एंड एक्सरसाइज' में प्रकाशित किया गया है।

इस शोध से प्राप्त डाटा के अनुसार वर्ष 2013 से 2016 के दौरान तीस वर्ष या इससे अधिक आयु के तीन फीसद सभी प्रकार के कैंसर मरीजों में शारीरिक गतिविधियों की कमी पाई गई थी। लेकिन महिलाओं (32,089 मामलों) में यह अनुपात पुरुषों (14,277 मामलों) के मुकाबले अधिक था।

अमेरिका के दक्षिणी राज्यों जैसे केंटुकी, वेस्ट वर्जीनिया, लूसियाना, टेनिसी और मिसीसिप्पी में महिलाओं में शारीरिक गतिविधियों में कमी और कैंसर होने में अधिकाधिक समानता पाई गई। जबकि पर्वतीय राज्यों उताह, मोंटाना, व्योमिंग, वाशिंगटन और विनकानसिन में महिलाओं में यह अनुपात कम पाया गया।

अमेरिकी कैंसर सोसाइटी के मुताबिक यह पहला ऐसा शोध है जिसमें शारीरिक गतिविधियां नहीं करने से कैंसर को जोड़ा गया है। उनका कहना है कि ऐसे कैंसरों में स्तन (ब्रेस्ट), गर्भाशय की परत (एनडोमेटरीयल) का कैंसर, वृहदांत्र (कोलन) कैंसर, पेट का कैंसर, किडनी कैंसर आदि शामिल हैं। इसमें सबसे अधिक प्रतिशत 16.9 पेट के कैंसर का है। सबसे कम 3.9 यूरेनरी ब्लेडर का कैंसर शामिल है। 

अंग प्रत्यारोपण से बढ़ जाता है कैंसर का जोखिम

वहीं, दूसरी ओर एक अन्य अमेरिकी शोध में पाया गया कि प्रत्यारोपण सर्जरी के बाद संक्रमण और अन्य गंभीर बीमारियों का भी खतरा बढ़ जाता है। इसी सिलसिले में हुए एक शोध में पाया गया है कि अंग प्रत्यारोपण कराने वाले लोगों में कैंसर होने का जोखिम बढ़ जाता है। इसका प्राथमिक कारण यह माना जाता है कि चूंकि प्रत्यारोपण के लिए व्यक्ति की प्रतिरोधी (इम्यूनिटी) क्षमता कम करने की जरूरत होती है, ताकि प्रत्यारोपित किए गए अंग को शरीर स्वीकार कर ले, इसलिए जोखिम और भी बढ़ जाता है।

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