तालिबान को आतंकी संगठन घोषित करने को अमेरिकी संसद में बिल पेश, मान्यता देने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग

संसद के ऊपरी सदन सीनेट के सदस्यों मार्को रुबियो टामी ट्यबविले मूर कैपिटो डैन सुलिवन थाम टिलिस और सिंथिला लुमिस ने यह बिल पेश किया है। अगर इस विधेयक पर संसद की मुहर लग जाती है तो अमेरिकी विदेश मंत्री को तालिबान सरकार को अवैध करार देना पड़ेगा।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 09:32 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 09:32 PM (IST)
तालिबान को आतंकी संगठन घोषित करने को अमेरिकी संसद में बिल पेश, मान्यता देने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग
तालिबानी सरकार में ऐसे कई कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं जो संयुक्त राष्ट्र की ओर से घोषित हैं आतंकी

वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका की विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी के कई शीर्ष सांसदों ने तालिबान को आतंकी संगठन घोषित करने की मांग की है। उनका कहना है कि अफगानिस्तान में तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार में ऐसे कई कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं जो संयुक्त राष्ट्र की ओर से आतंकी घोषित हैं। सांसदों ने इसके लिए अमेरिकी संसद में एक बिल पेश किया है। इसमें तालिबान सरकार को मान्यता देने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की गई है।

संसद के ऊपरी सदन सीनेट के सदस्यों मार्को रुबियो, टामी ट्यबविले, मूर कैपिटो, डैन सुलिवन, थाम टिलिस और सिंथिला लुमिस ने यह बिल पेश किया है। अगर इस विधेयक पर संसद की मुहर लग जाती है तो अमेरिकी विदेश मंत्री को तालिबान सरकार को अवैध करार देना पड़ेगा। यही नहीं तालिबान की मदद करने वाले विदेशी लोगों पर प्रतिबंध भी लगाना होगा। अमेरिकी सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि कर दाताओं के पैसे अफगानिस्तान में आतंकी संगठनों तक पहुंच नहीं पाएं।

मार्को रुबियो ने कहा, 'इसमें कोई संदेह नहीं है कि तालिबान नियंत्रित अफगानिस्तान से हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा हितों के साथ ही हमारे सहयोगियों और पश्चिम व मध्य एशियाई साझेदारों को भी सीधा खतरा पैदा हो गया है।' उन्होंने कहा, 'बाइडन प्रशासन के सैन्य वापसी के विनाशकारी फैसले से अफगानिस्तान आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बन गया है, जो अमेरिका से नफरत करते हैं।' चार सीनेटरों ने विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन को पत्र लिखकर तालिबान को आतंकी संगठन घोषित करने की मांग भी की है।

तालिबान के खिलाफ अफगान के लोग कर रहे प्रदर्शन

बता दें कि अफगानिस्तान की सत्ता में तालिबान के आने के बाद से लोगों पर अत्याचार बढ़ गया है। देश के दक्षिणी शहर कंधार में हजारों लोगों को अपने घरों को खाली करने का फरमान जारी किया गया है। इससे नाराज लोगों ने सड़कों पर उतरकर तालिबान के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। 

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