Space Travel Rules: बेजोस और ब्रैनसन को बड़ा झटका: अमेरिका ने स्पेस ट्रैवल नियमों में किया बदलाव, जानें- क्‍या कहा

अपने स्‍पेश प्रोगाम को लेकर अमेजन फाउंडर जेफ बेजोस और ब्रिटिश अरबपति रिचर्ड ब्रैनसन को बड़ा झटका लगा है। इसकी बड़ी वजह यह है कि अमेरिका ने एस्ट्रोनॉट की व्याख्या वाले नियमों को बहुत सख्‍त कर दिया है। इस नियम के मुताबिक बेजोस और ब्रैनसन एस्ट्रोनॉट नहीं हैं।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 03:36 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 03:58 PM (IST)
Space Travel Rules: बेजोस और ब्रैनसन को बड़ा झटका: अमेरिका ने स्पेस ट्रैवल नियमों में किया बदलाव, जानें- क्‍या कहा
बेजोस और ब्रैनसन को बड़ा झटका: अमेरिका ने स्पेस ट्रैवल नियमों में किया बदलाव। एजेंसी।

वाशिंगटन, एजेंसी। अपने स्‍पेश प्रोगाम को लेकर अमेजन फाउंडर जेफ बेजोस और ब्रिटिश अरबपति रिचर्ड ब्रैनसन को बड़ा झटका लगा है। इसकी बड़ी वजह यह है कि अमेरिका ने एस्ट्रोनॉट की व्याख्या वाले नियमों को बहुत सख्‍त कर दिया है। न्यू फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए)के नए नियम के मुताबिक एस्ट्रोनॉट कहलाने के लिए व्यक्ति को फ्लाइट क्रू का हिस्सा होना अनिवार्य है। इसके अलावा अंतरिक्ष उड़ान सुरक्षा में उसे योगदान देना चाहिए। इस नियम के मुताबिक जेफ बेजोस और रिचर्ड ब्रैनसन अमेरिकी सरकार की नजर में एस्ट्रोनॉट नहीं हैं। इस नियम से बेजोस और ब्रैनसन के ड्रीम प्रोजेक्‍ट को बड़ा झटका लगा है।

2004 में एफएए विंग्स प्रोग्राम शुरू होने के बाद से ये पहला बदलाव

खास बात यह है कि कमर्शियल एस्ट्रोनॉट विंग्स प्रोग्राम अपडेट की घोषणा मंगलवार को तब की गई थी, जब अमेजन के जेफ बेजोस ने ब्लू ऑरिजन रॉकेट से अंतरिक्ष के किनारे तक उड़ान भरी थी। वर्ष 2004 में एफएए विंग्स प्रोग्राम शुरू होने के बाद से ये पहला बदलाव है। बता दें कि कमर्शियल एस्ट्रोनॉट के रूप में क्वालिफाई करने के लिए स्पेस जाने वाले लोगों को पृथ्वी की सतह से 50 मील ऊपर की यात्रा करनी होगी, जिसे बेजोस और ब्रैनसन दोनों ने पूरा किया है। अब ऊंचाई से इतर एजेंसी का कहना है कि एस्ट्रोनॉट को उड़ान के दौरान उन गतिविधियों को करना अनिवार्य होगा, जो सार्वजनिक सुरक्षा के लिए जरूरी है।

अमेरिका में एस्ट्रोनॉट विंग बनने की शर्त

एफएए के प्रवक्ता कहा कि फिलहाल उन्हें इस तरह का कोई भी अनुरोध नहीं मिला है। उन्‍होंने कहा कि अमेरिका में दो तरीके से एस्ट्रोनॉट का तमगा मिलता है। इसमें सेना और नासा के जरिए एस्ट्रोनॉट बनना शामिल हैं। उन्‍होंने कहा कि पहली बार एस्ट्रोनॉट विंग्स अंतरिक्ष यात्री एलन शेपर्ड जूनियर और वर्जिल ग्रिसोम को 1960 के दशक की शुरुआत में मर्क्यूरी सेवन कार्यक्रम में उनकी भागीदारी के लिए दिया गया था। प्रवक्‍ता ने अपने बयान में कहा कि ये बदलाव विंग्स योजना को कमर्शियल स्पेस फ्लाइट के दौरान सार्वजनिक सुरक्षा की रक्षा के लिए अपनी भूमिका को और अधिक बढ़ाता है। एफएए ने कहा जिन लोगों को लगता है कि उन्हें कमर्शियल विंग के तहत एस्ट्रोनॉट विंग नामांकित करना चाहिए, उन्हें खुद का नॉमिनेशन करने की जरूरत है।

बेजोस और ब्रैनसन ने भरी थी अंतरिक्ष के लिए उड़ान

गौरतलब है कि अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस ने 20 जुलाई को ब्लू ऑरिजन रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी थी। उनकी यात्रा 11 मिनट की रही और उनके साथ अंतरिक्ष की इस सैर पर तीन अन्य लोग भी शामिल थे। बेजोस ने कहा कि ये दिन अब तक का उनका सबसे अच्छा दिन रहा है। वहीं, ब्रिटिश अरबपति रिचर्ड ब्रैनसन 11 जुलाई को अंतरिक्ष यात्रा पर गए थे। ब्रैनसन (70) के साथ पांच और लोग करीब 53 मील की ऊंचाई (88 किलोमीटर) पर अंतरिक्ष के छोर पर पहुंचे। वहां तीन से चार मिनट तक भारहीनता महसूस करने और धरती का नजारा देखने के बाद वापस लौट आए थे।

स्पेस में इंडस्ट्रीज स्थापित करना चाहते है बेजोस

हालांकि, बेजोश के इस अंतरिक्ष मिशन की लागत को लेकर निंदा हो रही है। यह सवाल उठाए जा रहे हैं कि इतनी सी ट्रिप के लिए इतने पैसे खर्च करना कितना उचित है। इस निंदा के बाद बेजोस ने कहा कि उनका यह मिशन एकदम सही है। यह भविष्‍य के लिए है। उन्‍होंने कहा, वह आगे चलकर स्पेस में इंडस्ट्रीज स्थापित करना चाहते हैं, जिससे धरती का पर्यावरण खराब न हो। बता दें कि डेलीमेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बेजोस के इस 10 मिनट के सफर में अरबों रुपये खर्च हुए। केवल 10 मिनट में 5.5 अरब डॉलर यानी कम से कम 40 हजार करोड़ की लागत आई है। इस पर हर मिनट 4 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इस मिशन की कीमत से पता चलता है कि क्यों दुनिया के अरबपति ही इस तरह का कारनामा कर सकते हैं। इस फ्लाइट पर जेफ के साथ उनके भाई मार्क और एविएशन एक्सपर्ट वॉली फंक भी गई थीं। इन तीनों के अलावा चौथी सीट के लिए टिकट की नीलामी की गई थी।

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