अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के इस स्टेप से कोरोना के टीके से वंचित हो सकते हैं विकासशील मुल्क, WHO ने लगाई गुहार
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से डब्ल्यूटीओ में कोरोना टीकों पर मिलने वाली छूट को नहीं रोकने का अनुरोध किया है। इस मुद्दे पर भारत और दक्षिण अफ्रीका का समर्थन करते हुए कहा कि इस छूट से दुनियाभर में कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज को बढ़ावा मिलेगा।
वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका के सैकड़ों मानवाधिकार संगठनों और तीन वरिष्ठ सांसदों ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से डब्ल्यूटीओ में कोरोना टीकों पर मिलने वाली छूट को नहीं रोकने का अनुरोध किया है। इस मुद्दे पर भारत और दक्षिण अफ्रीका का समर्थन करते हुए कहा कि इस छूट से दुनियाभर में कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज को बढ़ावा मिलेगा।
नहीं तो 2024 तक विकासशील देशों को कोरोना का टीका नहीं मिल पाएगा
गौरतलब है कि कोरोना वैक्सीन निर्माण अधिक मात्रा में नहीं होने से वर्ष 2024 तक विकासशील देशों के कई लोगों को कोरोना का टीका नहीं मिल पाएगा। प्रतिनिधि सभा में हाउस एप्रोप्रिएशंस कमेटी की अध्यक्ष एवं सांसद रोसा डेलॉरा ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कोरोना महामारी किसी देश की सीमा तक सीमित नहीं है। ऐसे में दुनियाभर में टीके का निर्माण एवं वितरण बेहद अहम हो जाता है। भारत और दक्षिण अफ्रीका ने डब्ल्यूटीओ से टीआरआइपीएस से छूट की मांग की है, जिससे वैश्विक समुदाय को कोरोना के निदान, उपचार और टीकों को विकासशील देशों को उपलब्ध कराते हुए इस समस्या से निपटने की दिशा में मदद मिलेगी। सांसद अर्ल ब्लूमेनॉर और सांसद जैन शाकोवस्की ने भी राष्ट्रपति जो बाइडन से इस बारे में दखल देने का अनुरोध किया है।
डब्ल्यूटीओ का क्या है उपबंध
बता दें कि बौद्धिक संपदा अधिकार के व्यापार संबंधी पहलुओं (टीआरआइपीएस) पर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के समझौते के तहत देशों को दवाइयों, परीक्षणों और उत्पादन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तकनीकों के लिए दीर्घकालिक एकाधिकार सुरक्षा प्रदान करना जरूरी होता है। एक बयान में कहा गया है कि हर क्षेत्र में उत्पादन क्षमता होती है और डब्ल्यूटीओ के नियम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए जरूरी फॉर्मूला और प्रौद्योगिकी तक समय रहते निर्बाध पहुंच सुनिश्चित करने से रोकते हैं।
ट्रंप और डब्ल्यूटीओ में थे गहरे मतभेद
बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समय डब्ल्यूटीओ से अमेरिका का गहरा मतभेद पैदा हो गया था। पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन के साथ डब्ल्यूटीओ को भी कोरोना वायरस के प्रसार के लिए संगठन को दोषी माना था। ट्रंप ने कहा था कि वायरस के प्रसार के लिए चीन के साथ डब्ल्यूटीओ भी दोषाी है। इतना ही नहीं डब्ल्यूटीओ की फंंडिंग पर भी रोक लगा दी थी। लेकिन अमेरिका में सत्ता में बदलाव के बाद नए राष्ट्रपति बाइडन ने डब्ल्यूटीओ से संबंधों को सामान्य किया है।