Quad Summit 2022: टोक्यो में पीएम मोदी की राष्ट्रपति बाइडन के साथ होगी महत्वपूर्ण चर्चा, चीन की आई तल्ख प्रतिक्रिया

जापान में पीएम मोदी के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति की द्विपक्षीय बैठक के बारे में अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि यह उस बातचीत की निरंतरता होगी जो वे पहले ही कर चुके हैं कि हम यूक्रेन में तस्वीर को कैसे देखते हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Sun, 22 May 2022 06:05 PM (IST) Updated:Mon, 23 May 2022 09:59 AM (IST)
Quad Summit 2022:  टोक्यो में पीएम मोदी की राष्ट्रपति बाइडन के साथ होगी महत्वपूर्ण चर्चा, चीन की आई तल्ख प्रतिक्रिया
टोक्यो में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच द्विपक्षीय बैठक होगी।

नई दिल्ली, एजेंसियां। क्वाड की जापान में होने वाली समिट हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र में हमारे प्रयासों की समीक्षा और भविष्य के लिए उठाए जाने वाले कदमों के निर्णय का अवसर होगी। इस दौरान वैश्विक और आपसी हितों के मसलों पर भी चर्चा होगी। यह बात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को टोक्यो के लिए रवाना होने से पहले कही। प्रधानमंत्री मोदी 23 और 24 मई के जापान दौरे में क्वाड (क्वाड्रिलेट्रल सिक्युरिटी डायलाग) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के साथ ही अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से द्विपक्षीय मसलों पर भी वार्ता करेंगे। यूक्रेन युद्ध के चलते इस वार्ता को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। क्वाड समिट से पूर्व चीन की तल्ख प्रतिक्रिया सामने आई है। विदेश मंत्री वांग ई ने इसे विफल रणनीतिक गठबंधन कहा है।

शारीरिक रूप उपस्थिति वाली क्वाड की इस दूसरी समिट के बारे में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हम क्षेत्रीय विकास की अवधारणा पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। इस दौरान वैश्विक मसलों पर चर्चा होगी। प्रधानमंत्री ने बताया कि वह जापानी समकक्ष फूमियो किशिदा की निमंत्रण पर जापान की यात्रा पर जा रहे हैं।

जापानी प्रधानमंत्री मार्च 2022 में भारत की यात्रा पर आएंगे, तब हम 14 वें भारत-जापान वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। जापान यात्रा में दोनों देशों के बीच आपसी संबंधों के विकास के संबंध में महत्वपूर्ण वार्ता होगी। इसमें भारत-जापान विशेष रणनीतिक सहयोग को और मजबूत करने और वैश्विक सहयोग पर मिलकर कार्य करने पर चर्चा होगी। दोनों देशों की वार्ता में आर्थिक सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा होगी।

इस दौरान जापान के व्यापार जगत के लोगों से भी प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात होगी। दोनों देश अगले पांच साल में व्यापार बढ़ाने की रणनीति पर पहले ही निर्णय ले चुके हैं। क्वाड समिट के दौरान भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया के नेता हिंद-प्रशांत क्षेत्र में पैदा हुई ताजा चुनौतियों पर चर्चा करते हुए रणनीति बनाएंगे। मोदी ने कहा, आस्ट्रेलिया के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री एंथनी एल्बेनीज भी क्वाड समिट में हिस्सा लेंगे।

उनके साथ वार्ता में दोनों देशों के संबंधों को नया आयाम देने का मौका मिलेगा। इससे दोनों देशों के बीच का रणनीतिक सहयोग और सुदृढ़ होगा। विदित हो कि क्वाड का गठन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार आवागमन होने और समुद्री सीमा का सम्मान सुनिश्चित करने के लिए हुआ है।

चीन ने लगाया है आरोप

क्वाड चार देशों का एक समूह है, जो लोकतंत्र, बहुलवाद और बाजार अर्थव्यवस्था के मूल्यों को साझा करता है, और इसके निगमों को मुख्य रूप से इंडो पैसिफिक में शांति और स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लक्ष्यों द्वारा आकार दिया गया है। क्वाड ग्रुप का गठन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक और महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को प्रभाव मुक्त रखने के लिए किया गया था, जबकि गठबंधन का एक अन्य मुख्य उद्देश्य भारत-प्रशांत क्षेत्र में ऋण वाले देशों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। चीन ने अक्सर सुरक्षा गठबंधन की आलोचना की है क्योंकि वह इसे अपने वैश्विक उदय को रोकने के लिए एक तंत्र के रूप में देखता है। चीन ने क्वाड पर उसके हितों को कम करने के लिए समर्पित होने का आरोप लगाया है।

चीन इस बात को लेकर भी चिंतित है कि दक्षिण कोरिया भी क्वाड में शामिल होने की योजना बना रहा है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 24 मई को क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए टोक्यो का दौरा करेंगे, जहां उनके साथ जापान और ऑस्ट्रेलिया के उनके समकक्षों के साथ-साथ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन भी होंगे। नेता क्वाड पहल और कार्य समूहों की प्रगति की समीक्षा करेंगे, सहयोग के नए क्षेत्रों की पहचान करेंगे और भविष्य के सहयोग (एएनआई) के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन और दृष्टि प्रदान करेंगे।

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