चीन के साथ कई मुद्दों पर कोई समझौता नहीं करेगी बाइडन सरकार, गहरे मतभेद बने वजह

अमेरिका और चीन के बीच संबंधों को लेकर बाइडन प्रशासन की ओर से कई स्पष्ट संदेश दिए गए हैं। बाइडन प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि चीन के साथ कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर दोनों देशों के बीच गंभीर मतभेद हैं। जिससे कई समझौतें नहीं होंगे।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Thu, 28 Jan 2021 04:17 PM (IST) Updated:Thu, 28 Jan 2021 04:25 PM (IST)
चीन के साथ कई मुद्दों पर कोई समझौता नहीं करेगी बाइडन सरकार, गहरे मतभेद बने वजह
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग। (फोटो: दैनिक जागरण/फाइल)

वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका की नई सरकार ने चीन को लेकर अपने रुख को साफ करना शुरू कर दिया है। जो बाइडन प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि चीन के साथ जलवायु परिवर्तन के लिए बौद्धिक संपदा की चोरी और दक्षिण चीन सागर पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। जलवायु परिवर्तन के लिए राष्ट्रपति बाइडन के विशेष दूत जॉन कैरी ने कहा कि चीन के साथ कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर गंभीर मतभेद हैं। चीन और अमेरिका के संबंध हमेशा से ही खराब रहे हैं। व्यापार, कोरोना महामारी, सहित कई मुद्दों पर टकराव की स्थिति है। चीन की दक्षिण चीन सागर और मानवाधिकारों के मामले में सैन्य गतिविधियां आक्रामक हैं।

उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन ऐसा मुद्दा है, जिस पर अमेरिका आगे बढ़ना चाहता है। वर्तमान में चीन सबसे ज्यादा तीस फीसद उत्सर्जन करता है, जबकि अमेरिका में यह 15 फीसद। यूरोप को भी ले लिया जाए तो इन तीनों ही स्थानों से विश्व का 55 फीसद उत्सर्जन हो जाता है। ऐसी स्थिति में यह जरूरी है कि हमें साथ आकर इस समस्या हल करना चाहिए।

इस बीच संयुक्त राष्ट्र में राष्ट्रपति जो बाइडन के द्वारा नामित राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने चीन को अपने पड़ोसियों के लिए एक रणनीतिक खतरे की संज्ञा दी है। यह कहते हुए कि उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता सुरक्षा परिषद में चीनी प्रभाव के खिलाफ काम करने की है।

गौरतलब है कि अमेरिका और चीन के बीच संबंध अपने सबसे खराब और निम्न स्तर पर हैं। दोनों देशोें में वर्तमान में व्यापार, कोरोना वायरस महामारी की उत्पत्ति, विवादित दक्षिण चीन सागर में मानववादी विशाल आक्रामक सैन्य चाल और मानव अधिकारों सहित विभिन्न मुद्दों पर टकराव है।

थॉमस-ग्रीनफील्ड ने बुधवार को सीनेट की विदेश संबंध समिति द्वारा आयोजित उसकी पुष्टि की सुनवाई में गवाही दी कि संयुक्त राष्ट्र में  चीनी हमारे मूल्यों को कम कर रहे हैं और हमारी सुरक्षा को कम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह न्यूयॉर्क में चीनी दुर्भावनापूर्ण प्रयासों के खिलाफ आक्रामक तरीके से काम करेंगी।

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